MP : सातवीं के छात्र का कमाल, लिख डाली बालमुखी रामायण, 120 विद्यार्थियों को वैदिक गणित की दे रहे शिक्षा

इंदौर। शहर में रहने वाले सातवीं कक्षा के छात्र ने सबके सामने अपनी बुद्धिमता से कमाल कर दिखाया है। छात्र 11 वर्षीय अवि शर्मा ने लाॅकडाउन में बालमुखी रामायण लिखी है। जिसमें रामायण की कुछ खास बातों का उल्लेख किया है। जिसमें हिंदी के 250 छंदों को शामिल किया गया है। इतना ही नहीं अवि देशभर के 120 विद्यार्थियों को आॅनलाइन के माध्यम से वैदिक गणित की शिक्षा दे रहे हैं।;

Update: 2021-05-27 11:15 GMT

इंदौर। शहर में रहने वाले सातवीं कक्षा के छात्र ने सबके सामने अपनी बुद्धिमता से कमाल कर दिखाया है। छात्र 11 वर्षीय अवि शर्मा ने लाॅकडाउन में बालमुखी रामायण लिखी है। जिसमें रामायण की कुछ खास बातों का उल्लेख किया है। जिसमें हिंदी के 250 छंदों को शामिल किया गया है। इतना ही नहीं अवि देशभर के 120 विद्यार्थियों को आॅनलाइन के माध्यम से वैदिक गणित की शिक्षा दे रहे हैं।

अवि बताते हैं कि वैदिक गणित में 16 मुख्य सूत्र और 13 उपसूत्र हैं। इसका अध्ययन करके संख्याओं का गुणा और भाग करना बहुत आसान हो जाता है। इसकी सहायता से गणित के सवालों को जल्दी हल कर सकते हैं। आइआइटी जेईई और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में कम से कम समय में सवालों का जवाब देना होता है। ऐसे में संख्याओं की गणना कुछ सेकंड में वैदिक गणित की जानकारी रखकर कर सकते हैं। इसमें 10वीं और 12वीं के भी कई विद्यार्थी सवालों को हल करने की गति बढ़ाने के लिए आनलाइन कक्षा में शामिल हो रहे हैं।

क्या कहते हैं अवि शर्मा

उनका कहना है कि मुझे रामायण और गीता पाठ करना अच्छा लगता है। इसमें शामिल ज्यादातर श्लोक और छंद याद हो गए हैं। पिछले साल लाकडाउन में बालमुखी रामायण लिखने की शुरुआत की थी। दो सप्ताह में अपनी स्कूल की कापी में इसे लिख दिया था। फिर इसे भोपाल के इंद्रा पब्लिकेशन से प्रकाशित करा ली। अब यह रचना आनलाइन माध्यमों पर भी उपलब्ध है।

दो साल की उम्र से कर रहे मंत्रों एवं श्लोक उच्चारण

बालमुखी रामायण की प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजी है। अप्रैल 2021 में मुख्यमंत्री ने अवि को पत्र लिखकर शुभकामना दी है। इसमें कहा गया है कि मुझे जानकर प्रसन्नता हुई कि बच्चाें को भगवान श्रीराम के प्रेरणादायक जीवन और आदर्शों से परिचित कराने के लिए उदे्श्य से अल्प आयु में ही अवि ने छंदबद्ध रचना कर दी। इससे अवि, उनकी माता विनिता और पिता अमित शर्मा बहुत खुश है। माता.पिता ने बताया कि अवि जब दो साल का था तब से ही उन्होंने श्लोक और मंत्रो का उच्चारण करना शुरू कर दिया था।

कई पुरस्कार मिल चुके

अवि शर्मा आनलाइन माध्यम से सेलिब्रेटी कार्नर एपिसोड संचालित करते हैं।  जहां  कई क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साक्षात्कार ले चुके हैं। इसमें आइआइएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय, कार्टून हास्य शो मोटू. पतलू के निर्माता हरविंदर मन्नकर, अभिनेता पंकज बेरी और कई नाम शामिल है। अवि को राष्ट्रीय सायबर ओलंपियाड और अंतरराष्ट्रीय अंग्रेजी ओलंपियाड में जोनल पदक सहित कई पुरस्कार मिल चुके हैं।

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