इंदौर नगर निगम के पूर्व इंजीनियर हरभजन सिंह की रीवा में मौत: पैतृक गृह में मिला शव, हार्ट अटैक की आशंका; बहुचर्चित हनीट्रैप कांड के मुख्य शिकायतकर्ता थें
इंदौर नगर निगम के पूर्व इंजीनियर और हनीट्रैप मामले के शिकायतकर्ता हरभजन सिंह का रीवा स्थित पैतृक घर में निधन हो गया। प्रारंभिक जांच में हार्ट अटैक को मौत का कारण बताया गया है।
इंदौर नगर निगम के पूर्व इंजीनियर और बहुचर्चित हनीट्रैप मामले के मुख्य शिकायतकर्ता हरभजन सिंह का शुक्रवार को निधन हो गया। उनका शव रीवा स्थित उनके पैतृक घर में मिला। स्थानीय पड़ोसियों ने उन्हें श्याम शाह मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
रीवा पुलिस के अनुसार, उनकी मौत का कारण हार्ट अटैक हो सकता है। फिलहाल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद मौत के सही कारणों का पता चलेगा। हरभजन सिंह अपने परिवार से अलग, रीवा स्थित पैतृक घर में अकेले रहते थे। उनकी पत्नी और बच्चे दूसरे शहर में रहते हैं।
हनीट्रैप मामले में मुख्य शिकायतकर्ता थे
हरभजन सिंह 2019 के बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में मुख्य शिकायतकर्ता थे। उन्होंने इंदौर के पलासिया थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी कि कुछ महिलाएं अश्लील वीडियो के माध्यम से उन्हें ब्लैकमेल कर तीन करोड़ रुपये की मांग कर रही हैं। इस मामले में पुलिस ने 6 महिलाओं समेत कुल 8 लोगों को आरोपी बनाया था।
मामले में कई हाई-प्रोफाइल नेताओं और अधिकारियों के नाम सामने आए, जिससे यह मामला राष्ट्रीय सुर्खियों में छा गया। घटना के बाद, हरभजन सिंह को उनके पद से निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, बाद में कोर्ट ने उनका निलंबन रद्द कर दिया, लेकिन उन्हें रीवा स्थानांतरित कर दोबारा निलंबित कर दिया गया।
मामले में ब्लैकमेलिंग का खुलासा
एफआईआर के अनुसार, हरभजन सिंह को ब्लैकमेल करने का खेल आठ महीने तक चला। इस दौरान उन्होंने तीन बार ब्लैकमेलर्स को पैसे दिए। जब दो युवतियां 50 लाख रुपये लेने पहुंचीं, तो उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया। मामले में गिरफ्तार आरोपियों को बाद में जमानत मिल गई थी।