MP के सरकारी अस्पतालों में बांटी जा रहीं अमानक दवाएं, हंगामा मचने के बाद बोले डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल- दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी

मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अमानक दवाएं बांटे जाने का मामला सामने आया है। सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं, वहीं कांग्रेस ने अमानक दवाओं से हुई मौतों का आंकड़ा मांगा है।

Update: 2024-11-11 04:35 GMT

मध्य प्रदेश में सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में अमानक दवाएं बांटे जाने का मामला सामने आया है। जीवन रक्षक दवाओं और एंटीबायोटिक्स सहित कई दवाएं अमानक पाई गई हैं, जिससे मरीजों की जान को खतरा पैदा हो गया है।

इंदौर से हुआ खुलासा

यह मामला सबसे पहले इंदौर में सामने आया, जहां डॉक्टरों ने पाया कि मरीजों पर दवाओं का असर नहीं हो रहा है। जांच में पता चला कि दवाएं अमानक हैं। इसके बाद एमपी पब्लिक हेल्थ सर्विस कॉर्पोरेशन ने इन दवाओं के वितरण पर रोक लगा दी और जहां-जहां ये दवाएं बांटी गई थीं, वहां से उन्हें वापस मंगवाने के आदेश दिए।

कई जिलों में मिलीं अमानक दवाएं

इंदौर के बाद देवास, धार, बैतूल और मुरैना में भी अमानक दवाएं मिलीं। यहां तक कि बच्चों को दिए जाने वाले ORS, कैल्शियम और विटामिन की दवाएं भी अमानक पाई गईं।

सरकार ने बैठाई जांच

इस मामले में हंगामा मचने के बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

कांग्रेस ने उठाए सवाल

कांग्रेस ने इस मामले में सरकार पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि अमानक दवाओं की वजह से कितने लोगों की जान गई, सरकार इसका आंकड़ा जारी करे।

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