मध्यप्रदेश में बिजली बिल वसूली में सख्ती: बकाया बिल घर के सदस्यों के बैंक खातों से कटेगा, कलेक्टर और एसपी तैयार करेंगे रिकॉर्ड

मध्यप्रदेश में बिजली बिल बकाया होने पर अब परिवार के सदस्यों के बैंक खातों से सीधा कटौती होगी। सरकार ने जिलास्तरीय कमेटी बनाई है जो बिजली बिल के बकाए की वसूली करेगी और सब्सिडी का दुरुपयोग रोकेगी।

Update: 2024-11-07 08:33 GMT

मध्यप्रदेश में बकाया बिजली बिल की नई वसूली प्रक्रिया: भोपाल. मध्यप्रदेश में अब बिजली बिल का भुगतान न करने पर घर के सदस्यों के बैंक खातों से सीधे कटौती की जाएगी। यदि आपके पिता के नाम पर बिजली कनेक्शन है और कई महीनों से बिल नहीं भरा जा रहा है, तो इसका भुगतान आपके या आपके घर के अन्य सदस्यों के बैंक खाते से किया जाएगा। इस नई व्यवस्था के अंतर्गत बिजली कंज्यूमर्स और उनके परिवार के सदस्यों के बैंक खाते की जानकारी सभी जिलों के कलेक्टर और एसपी को उपलब्ध कराई जाएगी ताकि बकाया बिल की तुरंत वसूली की जा सके।

जिलास्तरीय कमेटी का गठन

राज्य सरकार ने जिलास्तरीय कमेटी गठित की है, जो इस वसूली प्रक्रिया को लागू करने में सहायक होगी। इस कमेटी के अध्यक्ष कलेक्टर होंगे और इसमें पांच सदस्यों को शामिल किया गया है। इसमें पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत सीईओ, नगर निगम आयुक्त, और मुख्य नगर पालिका अधिकारी सदस्य होंगे। इसके अलावा, विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण अभियंता को संयोजक की जिम्मेदारी दी गई है। यह कमेटी वसूली प्रक्रिया, सुरक्षा व्यवस्था, और बिजली सब्सिडी के दुरुपयोग की रोकथाम करेगी।

बिजली सब्सिडी घटाने की योजना

राज्य सरकार ने बिजली सब्सिडी को कम करने की दिशा में भी कदम उठाए हैं। वर्तमान में अटल गृह ज्योति योजना के तहत हर घरेलू उपभोक्ता को 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली दी जा रही है। इस योजना में बदलाव करते हुए अब 100 यूनिट बिजली के लिए 150 रुपये देने का प्रस्ताव है। साथ ही, 150 यूनिट तक के उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी को घटाकर 100 यूनिट तक सीमित करने की योजना बनाई जा रही है। इससे लाखों उपभोक्ता सब्सिडी के दायरे से बाहर हो सकते हैं।

बिजली बिल बकाया और सुरक्षा की जिम्मेदारी

जिलास्तरीय कमेटी को उन उपभोक्ताओं की पहचान करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है जो सक्षम होते हुए भी बिजली बिल नहीं भर रहे हैं। साथ ही, यह कमेटी बिजली चोरी रोकने और वसूली प्रक्रिया के दौरान कर्मचारियों की सुरक्षा का भी ध्यान रखेगी। कमेटी हर महीने बैठक करके बिजली वितरण सेवा में सुधार के लिए अपने सुझाव देगी।

बिजली डेटा बेस से लिंक होगी उपभोक्ताओं की प्रॉपर्टी

मध्यप्रदेश में लगभग 1.77 करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें से 1.1 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं के आधार नंबर अपडेट नहीं हैं। इसलिए अब उपभोक्ताओं की प्रॉपर्टी को बिजली डेटा बेस से लिंक करने का प्रस्ताव रखा गया है। इससे बिजली बिल के बकायेदारों की पहचान करने में आसानी होगी और वसूली प्रक्रिया में तेजी आएगी।

अधिभार समेत बकाया राशि वसूली के विकल्प

राज्य में वर्तमान में तीन बिजली वितरण कंपनियों के उपभोक्ताओं पर कुल 11,560 करोड़ रुपये बकाया हैं। इस बकाए पर लगभग 3,173 करोड़ रुपये का अधिभार जुड़ा हुआ है। सरकार ने वसूली के लिए तीन विकल्प तैयार किए हैं, जिनमें बैंक अकाउंट से सीधा कटौती, सब्सिडी में कमी, और वसूली प्रक्रिया को सख्त बनाना शामिल हैं।

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