इंदौर में रिटायर्ड बैंक अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर 39.60 लाख रुपये ठगे, ED अफसर बनकर दिया वारदात को अंजाम; जानिए क्या है डिजिटल अरेस्ट?

Digital Arrest: इंदौर में एक रिटायर्ड बैंक अफसर को डिजिटल धोखाधड़ी का शिकार बनाते हुए ठगों ने 39.60 लाख रुपये की ठगी की। ईडी के नाम पर उन्हें डराया गया और प्रॉपर्टी सीज करने की धमकी देकर पैसे ऐंठे गए।

Update: 2024-08-09 14:14 GMT

मध्य प्रदेश के इंदौर के महालक्ष्मी नगर में रहने वाले रिटायर्ड बैंक अफसर राकेश कुमार गोयल (जो 2012 में रिटायर हुए थे) को ठगों ने डिजिटल माध्यम से फंसा लिया। 11 जुलाई 2024 को गोयल के मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को मुंबई के अंधेरी थाने का जवान बताया। कॉलर ने मनी लॉन्ड्रिंग के केस में वारंट जारी होने की बात कहकर गोयल को डरा दिया और उनका कॉल ईडी ऑफिस में ट्रांसफर करने की बात कही।

ठगों की चाल: ईडी के नाम पर डराया

इसके बाद स्काइप एप के जरिए गोयल से संपर्क बनाए रखा गया। उन्हें बताया गया कि उनकी आईडी से एक नया बैंक अकाउंट खोला गया है, जिसके माध्यम से 8.20 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। इस पैसे का उपयोग बच्चों की तस्करी में हुआ बताया गया। ठगों ने यह भी कहा कि उनके और अपराधियों के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट हुआ है, जिसके तहत उन्हें 82 लाख रुपये मिलना था।

स्काइप एप के जरिए धोखाधड़ी

ठगों ने गोयल से स्काइप एप डाउनलोड कराया और उन्हें एक लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस दिखाई। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो व्यक्तियों को दिखाया गया, जिनके पास गोयल के नाम से एक बैंक पासबुक मिली थी। ठगों ने गोयल से यह भी कहा कि जांच के दौरान अगर कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई तो उनकी जमा राशि वापस कर दी जाएगी। लेकिन इसके लिए उन्होंने गोयल के अकाउंट से 21 लाख रुपये और उनकी पत्नी के अकाउंट से 18 लाख रुपये निकाल लिए।

ठगी का पता लगने पर मामला दर्ज

ठगों ने गोयल को एक सर्टिफिकेट भेजा, जिसमें शासकीय चिन्ह अंकित था। इस सर्टिफिकेट पर शक होने पर गोयल ने इसे अपने डीएसपी दोस्त को भेजा, जिन्होंने उन्हें बताया कि यह फ्रॉड है। इसके बाद गोयल ने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई और मामले की जांच शुरू हुई।

रिटायर्ड बैंक अफसर को ऐसे डराया
बदमाशों ने बैंक अफसर से कहा कि आपके साथ पूरे परिवार के बैंक अकाउंट और प्रॉपर्टी को सीज किया जाएगा। गिरफ्तार कर दिल्ली ले जाएंगे। उन्होंने एफआईआर और गिरफ्तारी वारंट भी दिखाया। बदमाशों ने कहा कि आप ये सब बातें किसी से शेयर न करें। इससे जांच प्रभावित होगी और आपकी मुश्किलें और बढ़ जाएगी।

अब जानिए क्या होता है डिजिटल अरेस्ट

  • गिरफ्तारी का डर दिखाकर आपको घर में ही कैद कर देते हैं।
  • वीडियो कॉल कर अपना बैकग्राउंड किसी पुलिस स्टेशन की तरह दिखाते हैं।
  • ऑनलाइन मॉनिटरिंग करते हैं कौन कहां जा रहा है।
  • बैंक अकाउंट सीज कर गिरफ्तारी की धमकी दी जाती है।
  • ऐप डाउनलोड कराकर फर्जी डिजिटल फॉर्म भरवाए जाते हैं।
  • डमी अकाउंट बताकर उसमें पैसों का ट्रांजेक्शन कराया जाता है।
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