इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन: 5 जिलों की सीमाओं से मिलकर बन रहा 'नया इंदौर', 28 तहसील, 9 हजार गांव होंगे शामिल; 9937 वर्ग किमी का 'महानगर'

इंदौर सहित 5 जिलों को मिलाकर एक विशाल मेट्रोपॉलिटन रीजन बनाया जा रहा है। इस रीजन का क्षेत्रफल 9937 वर्ग किलोमीटर होगा। जानिए इससे क्या-क्या फायदे होंगे।;

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Update: 2025-02-14 05:34 GMT
इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन: 5 जिलों की सीमाओं से मिलकर बन रहा नया इंदौर, 28 तहसील, 9 हजार गांव होंगे शामिल; 9937 वर्ग किमी का महानगर
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इंदौर शहर और उसके आसपास के इलाकों में तेज़ी से हो रहे विकास को देखते हुए सरकार ने इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन (IMR) बनाने का फ़ैसला किया है। इस रीजन में इंदौर के अलावा चार और ज़िले - उज्जैन, देवास, धार और शाजापुर (मक्सी क्षेत्र) - शामिल होंगे। इस पूरे रीजन का क्षेत्रफल 9937 वर्ग किलोमीटर होगा।

क्या होंगे फायदे?

  • नियोजित विकास: IMR बनने से इस पूरे क्षेत्र का विकास एक योजना के तहत होगा। इससे शहरों का बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित हो पाएगा और यातायात व्यवस्था में भी सुधार होगा।
  • बेहतर सुविधाएं: IMR बनने से लोगों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सुविधाएं मिल पाएंगी।
  • रोज़गार के अवसर: नए उद्योगों और कारोबार के लिए ज़्यादा ज़मीन उपलब्ध होगी, जिससे रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे।
  • पर्यावरण संरक्षण: IMR के तहत पर्यावरण संरक्षण पर भी ध्यान दिया जाएगा।

कौन-कौन से क्षेत्र होंगे शामिल?

  1. इंदौर (पूरा ज़िला)
  2. उज्जैन (45%)
  3. देवास (29%)
  4. धार (7%)
  5. शाजापुर (0.54%)

कब होगा लागू?

इस योजना का ड्राफ्ट ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान (24-25 फ़रवरी) नोटिफाई किया जाएगा।

इंदौर का तेज़ी से हुआ है विस्तार

इंदौर शहर का विस्तार पिछले कुछ सालों में काफी तेज़ी से हुआ है। 2001 से 2011 के बीच इंदौर शहर की ग्रोथ 32% थी, जबकि इसकी परिधि में 50% से ज़्यादा की विकास दर थी। 2024 में इंदौर शहर की परिधि में जो विस्तार हुआ है, वह साल 2000 की तुलना में सात गुना ज़्यादा है।

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