MP News: इंदौर में बनेगा अत्याधुनिक एक्वेरियम, सिर के ऊपर तैरती हुई दिखेंगी मछलियां
एमपी इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में अत्याधुनिक एक्वेरियम बनाने की तैयारी है। यहां लोगों को सिर के ऊपर तैरती हुई मछलियां दिखाई देंगी।
एमपी इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में अत्याधुनिक एक्वेरियम बनाने की तैयारी है। यहां लोगों को सिर के ऊपर तैरती हुई मछलियां दिखाई देंगी। किंतु इस एक्वेरियम का निर्माण पर पेंच फंसता हुआ नजर आ रहा है। कई राज्यों से संपर्क किया किंतु अभी तक ऐसी एजेंसी नहीं मिल पाई है जो इसको तैयार कर सके। जिसके लिए अब अन्य देशों की एजेंसी से इसके निर्माण के लिए संपर्क करने की तैयारी जू प्रशासन द्वारा की जा रही है।
निर्माण व संचालन करेगी एक ही एजेंसी
जू प्रशासन की मानें तो जिस स्तर का अत्याधुनिक एक्वेरियम का यहां पर निर्माण किया जाना है उसके लिए एजेंसी नहीं मिल पा रही है। इसके साथ ही निर्माण व संचालन की जिम्मेदारी एक ही एजेंसी के पास रहेगी। जिसको यह दायित्व सौंपा जाएगा उसी के द्वारा प्रोजेक्ट पूरा करने के साथ ही निश्चित किराया तय उसे संचालित कर सकेगा। ताकि निगम के बजट से राशि नहीं खर्च करनी पड़े। जू प्रभारी अधिकारी डाॅ. उत्तम यादव की मानें तो एक्वेरियम निर्माण के लिए देश भर की गई एजेंसियों से संपर्क साधा गया किंतु सभी ने केवल बाक्स में रखी जाने वाली मछलियों का एक्वेरियम बनाने की सहमति दी। अब एक्वेरियम निर्माण के लिए अन्य देशों की एजेंसियों से संपर्क साधा जाएगा।
इस तरह का एक्वेरियम प्रस्तावित
इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में इस तरह का एक्वेरियम प्रस्तावित है। एक्वेरियम में टनल के साथ ही यह गुफानुमा रहेगी। जिसमें समुद्र और नदी-तालाब में रहने वाली मछलियां रखी जाएंगी। इसमें मछलियां सिर के ऊपर से भी तैरते हुए नजर आएंगी। बताया गया है कि ऐसे एक्वेरियम निर्माण में तकरीबन 25 करोड़ रुपए लागत आती है। एक्वेरियम में सैकड़ों प्रजाति की मछलियां लाए जाने का प्लान है। यहां दुनिया भर में पाई जाने वाली मछलियों को एक ही स्थान पर दर्शक देख सकेंगे। यहां खारे और मीठे पानी में पाई जाने वाली भी मछलियां रहेंगी।
जटिल है मेंटेनेंस की प्रक्रिया
जू प्रशासन की मानें तो इसी वर्ष इस प्रोजेक्ट पर काम प्रारंभ होगा। 31 मार्च तक एक्वेरियम निर्माण के लिए नई एजेंसी मिल जाए ऐसा प्रयास किया जाएगा। बताया गया है कि तीन-चार देशों में इस तरह का एक्वेरियम निर्माण करने वाली एजेंसियां हैं जिनसे संपर्क साधा जाएगा। जू प्रशासन की मानें तो इस तरह के एक्वेरियम का मेंटीनेंस की प्रक्रिया भी बहुत जटिल रहती है। विशेषज्ञों द्वारा पानी में गोता लगाकर उसको साफ किया जाता है। सफाई का यह काम पूरी टीम द्वारा हर सप्ताह किया जाता है। इतना ही नहीं मछलियों के खाने और पानी में शामिल किए जाने वाले खास किस्म के केमिकल के लिए भी अलग से विशेषज्ञ रहते हैं।