13 साल की उम्र में कॉलेज में दाखिला लेने वाली इंदौर की बेटी के कायल हुए पीएम मोदी, प्रधानमंत्री ने पूछा- आपसे क्या सीख सकता हूं?
महज 13 की उम्र में इंदौर की तनिष्का सुजीत को कॉलेज में दाखिला मिला था. तीन साल पहले कोविड महामारी में पिता को खोया. भोपाल दौरे में पीएम मोदी से मुलाक़ात हुई थी.
मध्यप्रदेश के इंदौर शहर की एक असाधारण प्रतिभावान छात्रा ने महज 13 की उम्र में कॉलेज में दाखिला मिल गया था. इस प्रतिभा की धनी बेटी का नाम तनिष्का सुजीत है, जिससे पीएम मोदी ने भोपाल दौरे के दौरान 15 मिनट की मुलाक़ात की थी और पूछा था, 'मैं आपसे क्या सीख सकता हूं'.
तनिष्का सुजीत (Tanishka Sujit) इंदौर शहर की रहने वाली हैं. उन्होंने नौ साल की उम्र में पांचवी पास की और 11 की उम्र में सीधे बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित हुईं. इस प्रतिभावान बेटी ने अपने आदर्श पिता सुजीत को तीन साल पहले 2020 में कोविड-19 महामारी में खो दिया था. सुजीत शिक्षक थें और उन्होंने ही अपनी बेटी की प्रतिभा को पहचान का बोर्ड परीक्षा में शामिल करने के लिए राज्यपाल से विशेष अनुमति चाही थी.
तनिष्का ने बताया, "मेरे पिता शिक्षक थें, वे ही मेरे आदर्श और गुरु थें, जब वे दसवीं और बारहवीं के स्टूडेंट्स को कोचिंग पढ़ाते थें तब मैं नौ साल की थी और पांचवी कक्षा की स्टूडेंट थी. उनकी कोचिंग देखकर मुझे दसवीं कक्षा में पढ़ने और परीक्षा देने की इच्छा हुई. पिता को भी ऐसा ही लगा कि मैं यह कर सकती हूँ. इसके बाद वे महामहिम राज्यपाल से विशेष अनुमति लेने की कोशिश में जुट गए, इसमें लगभग एक साल का समय लग गया था."
अलग से ली गई परीक्षा
तनिष्का के अनुसार, अनुमति मिलने के बाद 11 साल की उम्र में मैंने दसवीं और 12 साल की उम्र में बारहवीं बोर्ड की परीक्षा उत्तीर्ण की. यह एमपी का पहला मामला था, जिसके लिए मेरी परीक्षा अलग से आयोजित की गई थी.
बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद मुझे 13 साल की उम्र में इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में बीए (मनोविज्ञान) में दाखिला मिल गया, अब मैं 15 साल की हूं और स्नातक के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत हूं.
तनिष्का सुजीत के लिए सबसे बड़ा झटका उनकी पिता की आसमयिक मृत्यु थी. उन्होंने बताया कि पिता सुजीत 2020 में कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए और उनका निधन हो गया. उस समय तनिष्का की इंटरमीडिएट की परीक्षा चल रही थी. लेकिन परिणाम आने से पहले ही उनके पिता का निधन हो गया.
उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बारे में बात करते हुए कहा, "मुझे पीएमओ से फोन आया. उन्होंने मुझे एक अप्रैल को भोपाल मिलने के लिए बुलाया. पीएम मोदी ने मुझसे 15 मिनट तक बात की और मेरे बारे में पूछा. यह भी पूछा कि वह मुझसे क्या सीख सकते हैं, तो मैंने उन्हें समर्पण और कड़ी मेहनत के बारे में बताया जो पहले से ही उनमें है."