एमपी के इंदौर में नए कॉलेज में प्रवेश लेने पर पुराने महाविद्यालय नहीं दे रहे टीसी

इंदौर में संचालित विभिन्न कॉलेजों में छात्रों को टीसी नहीं दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है। छात्रों की मानें तो पहले उन्होंने दूसरे कॉलेज से फर्स्ट ईयर की पढ़ाई की। अब दूसरे कॉलेज में सेकेण्ड ईयर में प्रवेश ले लिया है।

Update: 2022-12-05 06:48 GMT

इंदौर में संचालित विभिन्न कॉलेजों में छात्रों को टीसी नहीं दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है। छात्रों की मानें तो पहले उन्होंने दूसरे कॉलेज से फर्स्ट ईयर की पढ़ाई की। अब दूसरे कॉलेज में सेकेण्ड ईयर में प्रवेश ले लिया है। किन्तु अब फर्स्ट ईयर की पढ़ाई जहां से की उन महाविद्यालयों द्वारा टीसी नहीं दी जा रही है। जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं पुराने कॉलेजों द्वारा सेकेण्ड ईयर की फीस मांगी जा रही है।

उच्च शिक्षा विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया

शहर में संचालित विभिन्न कॉलेजों में पूर्व में अध्ययनरत छात्रों द्वारा इसकी शिकायत उच्च शिक्षा विभाग से की गई। छात्रों की मिली शिकायतों को उच्च शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया है। विभाग ने शहर में संचालित सभी 140 महाविद्यालयों को यह निर्देश दिए हैं कि छात्रों की तत्काल टीसी जारी करें। छात्रों का कहना है कि उन्हें तीन महीने बाद भी कॉलेजों द्वारा टीसी प्रदान नहीं की जा रही है। छात्रों द्वारा अगस्त-सितम्बर महीने में ही कॉलेज छोड़ दिए गए थे और नए कॉलेज में एडमीशन ले लिया था। इसकी शिकायत कुछ छात्रों द्वारा जनसुनवाई में भी की गई थी। जिसके बाद उच्च शिक्षा विभाग की अतिरिक्त संचालक व लीड कॉलेज से कहा कि वे सभी महाविद्यालयों की वर्चुअल बैठक लेकर चेतावनी जारी करें।

एक सप्ताह बाद होगी सख्त कार्रवाई

यहां उल्लेखनीय है कि पिछले साल ही कॉलेजों में नई एजुकेशन पॉलिसी लागू हुई है। कई महाविद्यालय महंगी फीस लेने के बाद भी छात्रों को क्वालिटी एजुकेशन नहीं दे रहे हैं। सूत्रों की मानें तो कई छात्रों ने शॉर्ट अटेंडेंस के नाम पर पैसे वसूलने, टीचिंग स्टाफ न होने जैसी शिकायतें भी कॉलेज के खिलाफ की हैं। फिलहाल पांच महाविद्यालयों के 20 छात्रों की शिकायत सामने आई किंतु विभाग का अनुमान है कि ऐसे छात्रों की संख्या तीन सैकड़ा से भी ज्यादा है। जिसके कारण उच्च शिक्षा विभाग ने मामले में सख्त कार्रवाई करने की हिदायत दी है। उच्च शिक्षा विभाग का कहना है कि कॉलेजों को एक सप्ताह की मोहलत दी गई है। सप्ताह के अंत तक यदि छात्रों को टीसी नहीं जारी की जाती तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। शिकायत करने वालों में सबसे ज्यादा एलएलबी फर्स्ट ईयर, बीएड और बीएससी के छात्र हैं। छात्रों की मानें तो कॉलेजों द्वारा मनमानी फीस वसूली, पढ़ाई न होने या अन्य तकनीकी कारणों से उन्हें कॉलेज बदलना पड़ा।

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