अब इंदौर में शुरू होगी केबल कार सेवा: 7 रूट, 41 स्टेशन, राजबाड़ा होगा केंद्र; पूरा आउटर इंदौर कनेक्ट होगा
इंदौर में केबल कार परियोजना को मंजूरी मिली। शहर के विभिन्न इलाकों को जोड़ने के लिए 7 रूट पर 41 स्टेशन बनाए जाएंगे। राजबाड़ा को सेंटर स्टेशन बनाया जाएगा।
मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए केबल कार सेवा की शुरुआत की तैयारी तेज हो गई है। फिजिबिलिटी सर्वे की प्रारंभिक रिपोर्ट पेश की जा चुकी है, और रूट नेटवर्क के लिए विस्तृत सर्वे का काम शुरू होने वाला है। शहर में 60 किलोमीटर लंबे 7 रूट्स पर 41 स्टेशन और 10 टर्मिनल प्रस्तावित किए गए हैं। इस परियोजना के तहत प्रमुख क्षेत्रों को कनेक्ट करते हुए एक सुव्यवस्थित और सुविधाजनक परिवहन प्रणाली बनाई जाएगी।
शहर के राजबाड़ा के केबल कार सेंटर स्टेशन से जुड़े इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य अगले तीन सालों में इसे पूरी तरह चालू करना है। आईडीए (इंदौर विकास प्राधिकरण) ने वेपकास कंपनी को इस परियोजना के लिए कंसल्टेंट नियुक्त किया है, जिन्होंने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी है। जल्द ही जनप्रतिनिधियों के साथ रूट्स और अन्य आवश्यक पहलुओं पर अंतिम सहमति ली जाएगी।
केबल कार सेवा प्रमुख रूट्स और स्टेशन
इंदौर के लिए प्रस्तावित केबल कार नेटवर्क में 7 प्रमुख रूट्स होंगे। इनमें से कुछ रूट्स एक-दूसरे को क्रॉस करेंगे जबकि रूट 4 और रूट 6 पूरी तरह से स्वतंत्र रहेंगे। यहां 41 स्टेशन होंगे, जो शहर के प्रमुख इलाकों को कनेक्ट करेंगे। इन रूट्स में:
- ग्रीन लाइन (रूट 1): 6.25 किलोमीटर लंबा रूट चंदन नगर चौराहा से शिवाजी वाटिका तक।
- ब्लू लाइन (रूट 2): 7.25 किलोमीटर लंबा रूट मेट्रो स्टेशन सुपर कॉरिडोर 3 से राजबाड़ा तक।
- ऑरेंज लाइन (रूट 3): 9 किलोमीटर लंबा रूट निरंजनपुर चौराहा से रामचंद्र नगर तक।
- परपल लाइन (रूट 4): 17.3 किलोमीटर लंबा रूट निरंजनपुर चौराहा से नेमावर रोड बायपास तक।
- रेड लाइन (रूट 5): 8.02 किलोमीटर लंबा रूट महिला पॉलिटेक्निक से रेलवे स्टेशन तक।
- ग्रे लाइन (रूट 6): 6.83 किलोमीटर लंबा रूट रेलवे स्टेशन से निरंजनपुर चौराहा तक।
- यलो लाइन (रूट 7): 5.52 किलोमीटर लंबा रूट रामचंद्र नगर से पलासिया चौराहा तक।
तीन साल में पूरा होगा पहला चरण
पहले चरण में, राजबाड़ा क्षेत्र और इसके आसपास की कनेक्टिविटी पर काम शुरू होगा। ग्रीन और रेड लाइन पर प्रारंभिक काम की शुरुआत हो चुकी है, और दावा किया जा रहा है कि अगले तीन सालों में यह सेवा पूरी तरह से चालू हो जाएगी। इस परियोजना से इंदौर के ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने में मदद मिलेगी और लोगों को एक वैकल्पिक, तेज़ और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा।
सबसे छोटी यलो लाइन 5 किमी, सबसे बड़ा रूट निरंजनपुर से बायपास तक
लाइन 1 व 7 : पूर्व व पश्चिम को सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट से जोड़ेगी। जवाहर मार्ग, सरवटे बस स्टैंड क्षेत्र इसमें शामिल।
लाइन 2 व 3 : प्रस्तावित मेट्रो रूट के लिए फीडर की तरह रहेंगे। यह सुपर कॉरिडोर व एमजी रोड को जोड़ेंगे।
लाइन 4 : हाई डिमांड कॉरिडोर की सघनता को कम करेगी। विजय नगर, एलआईजी जैसे इलाके इसमें रहेंगे।
लाइन 5 व 6 : दक्षिण में आवासीय विकास के साथ तेजी से व्यावसायिक और औद्योगिक विकास हो रहा है। इस एरिया की मोबिलिटी को बेहतर बनाएगी।
परियोजना की शुरुआत और योजना
यह परियोजना 6 साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा घोषित की गई थी, जिसके बाद इसकी योजना और डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) पर काम शुरू हुआ। उज्जैन और सागर जैसे अन्य शहरों में भी इसी तरह की केबल कार सेवाओं की डीपीआर बनाकर काम शुरू हो चुका है। इंदौर में इस परियोजना के तहत, पूरी योजना तैयार कर दी गई है और अब सर्वे के आधार पर अंतिम DPR तैयार की जाएगी।