मॉडर्न कृति चली वैराग्य की राह पर, एमबीए होल्डर इंदौर की बेटी बनेगी साध्वी

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indoe) की रहने वाली कृति ने वैराग्य धारण करने का ऐलान कर दिया है।

Update: 2021-10-29 01:47 GMT

Indore: पढ़ाई के साथ-साथ पिता का बिजनेस सम्हालने वाली कृति कोठारी (Kriti Kothari) महज 27 वर्ष की आयु में ही वैराग्य धारण करने का ऐलान कर दिया। उसके इस निर्णय से पहले तो मां और उसके दोस्तों को हैरानी हुई और वे निर्णय बदलने की बात करते रहे, लेकिन जब वह अपने निर्णय पर अटल रही तो परिजनों ने भी सहमति दे दी। कृति इंदौर के जानकी नगर की रहने वाली है।

बिजनेस से तोड़ा रिश्ता

त्याग और संयम की राह पर चलने का फैसला लेने वाली कृति अभी तक पिता का बिजनेस और घर संभालने की जिम्मेदारी उठा रही थी। कृति अब परिवार के अन्य सदस्यों को जिम्मेदारी सौंपकर दीक्षा ग्रहण करेगी। बताया जा रहा वह पिता की मौत के बाद 18 वर्ष की उम्र में इलेक्ट्रिक की दुकान सम्हाल ली और पढ़ाई भी कर रही थी। बहन की शादी से लेकर हर जिम्मेदारी को पूरी तरह से पूरा करती आई, लेकिन अब वह दुकान जाना न सिर्फ बंद कर दिया बल्कि लोगो से मेल मुलाकात भी कम ही करती है।

आचार्य का आदेश मिलने से घर में खुशी

पालीताणा तीर्थ में आचार्य मणिप्रभसागर ने कृति को दीक्षा जीवन में प्रवेश करने की अनुमति भी दे दी है। इसके बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल है, हालांकि दीक्षा लेने की तारीख अभी तय नहीं हुई है। वहीं, दीक्षा ग्रहण करने से पहले वह मंदिरों और गुरु देवों के दर्शन करने जाएगी, जिसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। कृति का कहना है कि आत्मा को परमात्मा बनाने के लिए संयम ही पहला कदम है।

चतुर्मास के बाद संसार से उबने लगा मन

कृति ने बताया कि 2018 में जानकीनगर में चातुर्मास हुआ। यहां वह साध्वी विरलप्रभाजी व विपुलप्रभाजी के संपर्क में आई। वे रोजाना चातुर्मास में जाती थीं, जिसके बाद धीरे-धीरे उनके मन भी इस राह पर चलने के विचार आने लगे और अब वह वैराग्य धारण करने की घोषणा भी कर दी है।

घूमने का है शौक

कृति की मां पुष्पा कोठारी ने बताया कि कृति को दोस्तों के साथ घूमने का शौक है। वह इंदौर और आसपास की कई जगहों पर घूमने जाती थी। कृति ने बताया कि उनके बिना दोस्तों के घूमने का प्लान भी नहीं बनता था। वे कैफे, प्राकृतिक स्थल सहित कई जगह पर घूमने गई हैं।

इंदौर में होगी दीक्षा

कृति का कहना है कि उनकी मां की इच्छा है कि उनकी दीक्षा इंदौर में ही हो। जिसके चलते दीक्षा ग्रहण का आयोजन महावीर बाग, अभय प्रशाल, दशहरा मैदान इन स्थानों में से किसी एक स्थान पर किया जा सकता है।

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