मीटरगेज ट्रेन बन जाएगी इतिहासः महू-ओंकारेश्वर ट्रेन का संचालन 1 फरवरी से होगा बंद
एमपी के इंदौर-खंडवा के बीच मीटरगेज ट्रेन का संचालन वर्ष 1877 में प्रारंभ किया गया था। मीटरगेज की ट्रेनों का सफर अब इतिहास बनने जा रहा है।
एमपी के इंदौर-खंडवा के बीच मीटरगेज ट्रेन का संचालन वर्ष 1877 में प्रारंभ किया गया था। मीटरगेज की ट्रेनों का सफर अब इतिहास बनने जा रहा है। ब्रॉडगैज ट्रैक का काम पूरा होने के बाद 1 फरवरी से महू-सनावद सेक्शन के बीच चल रही मीटरगेज की ट्रेनें बंद हो जाएंगी। फिलहाल इस सेक्शन में महू-ओंकारेश्वर के बीच चल रही एक मीटरगेज ट्रेन का संचालन भी रेलवे द्वारा बंद कर दिया जाएगा।
146 साल पुराना है मीटरगेज का सफर
रेलवे सूत्रों की मानें तो मीटरगेज ट्रेनों का सफर 146 साल पुराना है। इंदौर-खंडवा के बीच वर्ष 1877 में मीटरगेज ट्रैक तैयार हुआ था। रेलवे एक्सपर्ट के मुताबिक उस दौरान महज चार वर्ष में ही ब्रिटिश सरकार ने मीटरगेज ट्रैक तैयार कर लिया था। होलकर स्टेट द्वारा एक करोड़ रुपए का लोन इसके लिए ब्रिटिश सरकार को दिया गया था। रेलवे के आदेश के बाद 1 फरवरी से महू-ओंकारेश्वर के बीच मीटरगेज ट्रेन बंद होने के बाद रतलाम रेल मंडल से मीटरगेज की ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से बंद हो जाएगा।
चल रही मात्र एक मीटरगेज ट्रेन
मात्र एक मीटरगेज ट्रेन का संचालन रेलवे द्वारा ओंकारेश्वर रोड से महू के बीच किया जा रहा है। बताया गया है कि बीच में इसका संचालन बंद कर दिया गया था किंतु दोबारा इसे प्रारंभ किया गया था। त्योहारों के सीजन में ही इनमें यात्रियों की संख्या ज्यादा देखने को मिलती थी जबकि अन्य दिनों में यह ट्रेन खाली रहती थी। इस ट्रेन में मात्र 20 से 25 यात्रियों द्वारा ही सफर किया जा रहा था। रेलवे सूत्रों की मानें तो महू-खंडवा-अकोला ब्रॉडगेज सेक्शन में रेलवे द्वारा खंडवा से सनावद के बीच ब्रॉडगेज का बचा हुआ पांच किलोमीटर का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। जबकि इस हिस्से में 46 किलोमीटर में से 41 किलोमीटर का कार्य पहले ही पूर्ण किया जा चुका है। अब महू के आगे घाट सेक्शन का काम बाकी है जिसे जल्द पूर्ण कर लिया जाएगा।