Garuda Drone: एमपी में इंदौर के स्टार्टअप ने तैयार किया मल्टी स्पेशलिटी ड्रोन ‘गरुड‘, इन खूबियों से है लैस
MP News: एमपी में इंदौर के स्टार्टअप ने मल्टी स्पेशलिटी ड्रोन ‘गरुड‘ तैयार किया है। इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया के कॉन्सेप्ट को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
Garuda Drone: एमपी में इंदौर के स्टार्टअप ने मल्टी स्पेशलिटी ड्रोन ‘गरुड‘ तैयार किया है। इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया के कॉन्सेप्ट को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें कई खूबियां हैं। जिसका उपयोग मांइस, फॉरेस्ट, पुलिस सहित रेलवे विभाग व अन्य कई विभाग सर्विलांस के लिए कर सकेंगे। इस ड्रोन को इंदौर की पिसार्व टेक्नोलॉजी कंपनी ने तैयार किया है।
500 घंटे उड़ाकर की गई टेस्टिंग
मल्टी स्पेशलिटी ड्रोन ‘गरुड‘ की लॉंचिंग जल्द ही उत्तराखण्ड के डीजीपी करेंगे। पिसार्व टेक्नोलॉजी कंपनी की सीपीओ रोशनी शुक्ला के मुताबिक महामारी के दौरान कई मामलों में सर्विलांस की जरूरतों को देखते हुए इसका ख्याल आया। उनका कहना है कि भारत में जितने भी ड्रोन का इस्तेमाल विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है वह सब चाइना मेड होते हैं। ऐसे में इसे भारत में खुद क्यों न तैयार किया जाए इसका ख्याल मन में आया। जिसके बाद मल्टी स्पेशल फीचर्स के साथ इस कॉन्सेप्ट पर काम करना दिसम्बर 2020 में प्रारंभ किया गया। ड्रोन तैयार होने के बाद इसे 500 घंटे उड़ाकर टेस्टिंग भी की गई। इस ड्रोन सर्विलांस के मामले में बहुत ही उपयोगी साबित होगा।
गड़बड़ी पर तय स्थान में करेगा लैंड
पिसार्व टेक्नोलॉजी कंपनी के फाउंडर व चीफ टेक्निकल ऑफिसर अभिषेक मिश्रा के मुताबिक आमतौर पर ड्रोन को कंट्रोल करने के लिए रिमोट होता है जिससे उसका डायरेक्शन तय किया जाता है। ऐसी ही टेक ऑफ व लैंड किया जाता है। किंतु गरुड में कुछ अन्य फीचर्स एड किए गए हैं। इस ऐसे प्रोग्राम से लैस है कि यह ऑटोमैटिक टेक ऑफ व लैंड कर सकेगा। इसके लिए संबंधित स्थान या मैदान जहां लैंड कराना हो उक्त स्थान की लोकेशन फीड करने के बाद यह वहीं पर लैंड करेगा। गरुड एंटी क्रैश सिस्टम बेस्ड है। इसमें कहीं गड़बड़ी होगी तो यह ऑटोमैटिक तय स्थान पर लैंड करेगा।
सर्विलांस में मिलेगी मदद
कंपनी के सीईओ अमित पांचाल के मुताबिक इसे अप्रूवल के लिए डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन के लिए भेजा गया है। गत दिनों कंपनी ने उत्तराखण्ड के डीजीपी अशोक कुमार को गरुड के फीचर्स के बारे में बताया। उनका मानना है चूंकि उत्तराखण्ड पहाड़ी क्षेत्र है ऐसे में इस ड्रोन के जरिए सर्विलांस में काफी मदद मिल सकेगी। डीजीसीए से अप्रूवल मिलते ही वहां के डीजीपी द्वारा इसकी लांचिंग की जाएगी। कंपनी के फाउंडर अमित मिश्रा के मुताबिक इसका उपयोग कौन सा विभाग या कंपनी किस उपयोग के लिए करना चाहती है यह उनकी डिमांड व ड्रोन में अपडेट होने वाले कॉन्फिगरेशन पर इसकी कॉस्ट निर्भर है। ड्रोन के अलग-अलग वैरिएंट के लिहाज से इसकी कीमत डेढ़ लाख से तीन लाख रुपए तक है। फॉरेस्ट, माइंस, रेलवे, पुलिस सहित ऐसे संबंधित विभाग इसमें और क्या फीचर्स चाहते हैं उसके लिहाज से फीचर्स अपडेट होंगे और कॉस्ट तय होगी।
‘गरुड’ की यह हैं खूबियां
कंपनी के फाउंडर अभिषेक मिश्रा का कहना है कि गरुड का वजन 1650 ग्राम है। जो तेज आंधी तूफान में भी काम करता है। इसमें एंटी स्टेब्लिशिंग सिस्टम है। यदि प्रेशर से यह खिसक भी जाता है तो ऑटोमैटिक एडजस्ट हो जाता है। इसके माध्यम से यदि जंगल में किसी विशेष प्रजाति के जानवर को आडडेंटिफाई करना हो तो उसमें उक्त जानवर संबंधी फीचर को एड किया जाता है। जिसके बाद यह जंगल में उड़ने के दौरान उक्त जानवर को ही आइडेंटिफाई कर उसका फोटो-वीडियो कैप्चर करेगा।
गरुड ड्रोन में एंटी फायर सिस्टम भी है। यदि यह एक्टिव रहा और रेंज क्षेत्र में कहीं आग लती है तो इसका अलार्म बजने लगेगा। यह फीचर फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के लिए काफी उपयोगी है। क्योंकि अक्सर जंगल में आग लगती रहती है जिसके बाद वह भयावह रूप ले लेती है। अलार्म बजने पर डिपार्टमेंट सचेत हो जाएगा और समय रहते आग पर काबू पाया जा सकता है।
इस मल्टी स्पेशलिटी ड्रोन में एचडी कैमरे लगे हुए हैं जिससे रात के समय भी बेहतर क्वालिटी के वीडियो फोटो कैप्चर होते हैं। इसे रिमोट के अलावा लैपटॉप से भी एक्सेस किया जा सकता है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फीचर को भी एड किया जा रहा है। ड्रोन को कितनी रेंज और ऊंचाई तक उड़ाना है यह भी फीड किया जा सकता है।