इंदौर: आर्थिक परेशानी और तकनीकी समस्या के चलते तीन हजार छात्रों ने नहीं भरे परीक्षा फार्म
MP Indore News: आर्थिक परेशानी के चलते निजी कॉलेजों के विद्यार्थियों ने परीक्षा फार्म ही जमा नहीं किया।;
MP Indore News: देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय (Devi Ahilya Vishwavidyalaya) की परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हो गई। विडंबना तो यह है कि सभी प्रमुख 6 कोर्स की परीक्षा के लिए 3 हजार विद्यार्थियों ने परीक्षा फार्म ही जमा नहीं किया है। इन परीक्षाओं में 81 हजार छात्रों को शामिल होना था। लेकिन 3050 विद्यार्थियों ने फार्म ही नहीं भरा है। जब महाविद्यालयों ने इस मामले में चर्चा की तो चौकानें वाले कारण सामने आए है। परीक्षा फार्म जमा न करने के तीन अहम कारण सामने आए हैं। बताया गया है कि आर्थिक परेशानी के चलते निजी कॉलेजों के विद्यार्थियों ने परीक्षा फार्म ही जमा नहीं किया। दूसरा कारण एजुकेशन पॉलिसी (Education Policy) की तकनीकी समस्याओं जैसे कि जैनरिक व वोकेशनल चुनने में हुई गड़बड़ी की वजह से भी कई विद्यार्थियों ने परीक्षा फार्म नहीं भरा है। तीसरा कारण यह सामने आया है कि कई विद्यार्थियों ने नई एजुकेशन पॉलिसी (New Education Policy) के कारण सिलेबस में बदलाव व कठिन पढ़ाई के चलते परीक्षा नहीं देने का मन बनाया है।
बनाए गए हेल्पलाइन सेंटर
परीक्षा नियंत्रक प्रो.अशेष तिवारी का कहना है कि परीक्षा में किसी तरह की तकनीकी परेशानी न आए और इसके कारण किसी का फार्म निरस्त न हो इसलिए हेल्प लाइन बनाई गई है। बकायदा विषयवार हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। दो हजार से अधिक छात्रों की समस्या का समाधान भी किया गया। लेकिन अगर व्यक्तिगत कारण से फार्म जमा नहीं किया गया है, तो इसकी जानकारी नहीं है।
नहीं पाए सिलेबस
छात्र गौरव पाण्डेय ने बताया कि मैने निजी कॉलेज में प्रवेश ले लिया। लेकिन पूरी फीस नहीं भर पाया। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण परीक्षा फार्म जमा नहीं कर पाया। मनोज वर्मा का कहना है कि बीबीए का वार्षिक पैटर्न अलग है। इसलिए मैने इस साल ड्राप ले लिया। कई छात्रों ने बताया कि तकनीकी कारण से हमने गलत विषय चुन लिया, इसलिए फार्म जमा नहीं किया।
देना होगा लिखित स्पष्टीकरण
इधर पिछली परीक्षा के दौरान मोबाइल पर पेपर आउट होने की शिकायत सामने आने के बाद विश्वविद्यालय (University) ने इस बार सख्ती कर दी है। पत्र जारी कर सभी सेंटर को कहा गया है कि जो छात्र 30 मिनट तक देरी से आता है, उससे लिखित में स्पष्टीकरण लिया जाय। जो छात्र लगातार दो या तीन दिन ऐसा करता है। उस पर सख्त कार्रवाई की जाए।