एमपी के इंदौर में डिजिटल बोर्ड पर पहली बार खेली जाएगी शतरंज की बाजी
पुराने परंपरागत चेस बोर्ड में नहीं अब डिजिटल बोर्ड पर शतरंज की बाजी खेली जाएगी। इंदौर में आयोजित होने वाले टूर्नामेंट में टॉप 10 टेबल पर डिजिटल चेस बोर्ड का पहली बार उपयोग किया जाएगा।
पुराने परंपरागत चेस बोर्ड में नहीं अब डिजिटल बोर्ड पर शतरंज की बाजी खेली जाएगी। इंदौर में आयोजित होने वाले टूर्नामेंट में टॉप 10 टेबल पर डिजिटल चेस बोर्ड का पहली बार उपयोग किया जाएगा। जिसकी मदद से खिलाड़ियों की प्रत्येक चाल को देश भर के लोग भी ऑनलाइन देख सकेंगे। डिजिटल चेस बोर्ड में बाजी प्रारंभ होने के बाद खिलाड़ियों को वॉशरूम तक जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
डिजिटल चेस बोर्ड क्या है?
चेस में पहली बार इस्तेमाल होने जा रहे डिजिटल बोर्ड इलेक्ट्रिक रूप से कनेक्ट हो जाता है। प्रतियोगिता के दौरान बोर्ड के वुडन सर्फेस पर खिलाड़ियों द्वारा जो भी चाल चली जाती है वह ऑनलाइन शो होती है। ऑल इंदौर चेस एसोसिएशन के सूत्रों की मानें तो मोहरों के नीचे सेंसर लगा रहता है। इस दौरान यदि किसी प्यादे को उठाकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर खिलाड़ी द्वारा रखा जाता है तो उसका नोटेशन बोर्ड पर दिखाई देने लगता है। जिसके चलते आसानी से खिलाड़ी द्वारा चली गई चाल का पता चल जाता है।
चेस के दौरान सबकुछ ऑनलाइन
डिजिटल बोर्ड के जरिए खिलाड़ियों को चाल लिखने की भी जरूरत नहीं पड़ती है क्योंकि चेस प्रारंभ होने के साथ ही सब कुछ ऑनलाइन हो जाता है। चेस के सामान्य बोर्ड में मैच के दौरान खिलाड़ी चाल लिखते हैं। इसके साथ ही कोच डिजिटल बोर्ड के माध्यम से एनालिसिस में जुट जाते हैं। अन्य लोग भी इसमें रुचि रखते हैं वह भी एनालिसिस करते हैं। इसके साथ ही ऑनलाइन होने से मैच से सीधा जुड़ाव भी हो जाता है। चेस के दौरान खिलाड़ी वॉशरूम भी जाता है तो उसके साथ आर्बिटर का एक मेंबर जाता है। जिसके पीछे की वजह यह है कि खिलाड़ी द्वारा जो चाल चली गई है वह ऑनलाइन माध्यम से सबको नजर आती है। ऐसे में कोई उसको यह सलाह न दे पाए कि आपको अब कौन सी चलनी है ऐसे में खिलाड़ी के साथ वॉशरूम तक आर्बिटर की टीम के सदस्य को भेजा जाता है।
एमपी में कब होगा चेस टूर्नामेंट
मध्यप्रदेश में पहली बार 9 वर्ष आयु वर्ग की बालक एवं बालिका शतरंज स्पर्धा का आयोजन किया जाएगा। इंदौर में आयोजित होने वाली यह टूर्नामेंट पब्लिक स्कूल इंदौर के परिसर में होगी। 25 दिसंबर से 2 जनवरी तक होने वाली इस प्रतियोगिता में देश के शीर्ष खिलाड़ी शामिल होंगे। जिसमें चेस प्रतियोगिता के दौरान पहली बार डिजिटल बोर्ड का इस्तेमाल किया जाएगा। टूर्नामेंट के आधार पर ही भारतीय टीम का सिलेक्शन होगा। इस दौरान कुल 5 लाख तक के पुरस्कार भी खिलाड़ियों को प्रदान किए जाएंगे। जिसमें प्रथम आने वाले खिलाड़ी को 50 हजार और द्वितीय आने वाले खिलाड़ी को 36 हजार का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।