Umaria : अब आसमान से होगी बाघों पर नजर, मिलेगी पल-पल की जानकारी
उमरिया। बांधवगढ़ में मानसून गश्ती गुरुवार से शुरू हो गई है। क्षेत्र संचालक विन्सेंट रहीम स्वयं अपनी टीम के साथ मानपुर रेंज में पैदल भ्रमण पर पहुंचे। खिचकिड़ी बीट में दुर्गम पहाड़, घने जंगल, गुफाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि वन्य प्राणियों पर नजर रखने के लिये ड्रोन की मदद ली जायेगी।;
उमरिया। बांधवगढ़ में मानसून गश्ती गुरुवार से शुरू हो गई है। क्षेत्र संचालक विन्सेंट रहीम स्वयं अपनी टीम के साथ मानपुर रेंज में पैदल भ्रमण पर पहुंचे। खिचकिड़ी बीट में दुर्गम पहाड़, घने जंगल, गुफाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि वन्य प्राणियों पर नजर रखने के लिये ड्रोन की मदद ली जायेगी।
बता दें कि क्षेत्र संचालक से लेकर एसडीओ, रेंजर सभी अफसर की ड्यटी पैदल गश्त में रहती है। माह में एफडी स्तर के अफसर दो पैदल गश्त, डीडी चार, एसडीओ आठ दिन जंगल में जाते हैं। बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व उमरिया के क्षेत्र संचालक विसेंट रहीम ने बताया कि बांधवगढ़ में मानसून गश्त प्रारंभ कर दी गई है। उन्होंने मानपुर के खिचकिड़ी बीट का जायजा लिया। 149 गश्ती पाइंट में 278 से अधिक वनकर्मी, अफसरों के साथ वन्यजीवों पर नजर रखेंगे। इस बार इस कार्य में ड्रोन का उपयोग भी होगा। प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।
बताया गया है कि बरसात सीजन में नदी, नालों में जल स्तर बढ़ जाता है। घास के मैदान में हरियाली पहले से ज्यादा हो चुकी है। यह समय वनराज के स्वच्छंद विचरण का समय है। ऐसे चुनौती पूर्ण जंगली माहौल में बाघ व इंसान के द्वंद पर पैदल गश्ती पर ही जोर रहेगा। महत्वपूर्ण कार्य के लिए हर रेंज में 149 गश्ती पाइंट बनाए गए हैं। हर रेंज में रोस्टर अनुसार रूट हुआ है। प्रत्येक दिन बीटगार्डए सुरक्षा श्रमिक व एक अन्य सदस्य की टीम यहां 5.6 किमी में घूमेंगी। खासकार कोर 716.903 वर्ग किमी का दायरा पर्यटन बंद होने के बाद चुनौती पूर्ण होता है, 12 वर्गकिमी में एक बाघ का कुनबा माना जाता है।
दुर्गम क्षेत्र में उपयोग होगा ड्रोन
बारिश का सीजन बाघों के मेटिंग सहवास के अनुकूल रहता है। बाघ अपनी संतानोत्पत्ति के लिए बाघिन के साथ एकांत में समय बिताते हैं। कई दिनों तक गश्त में लोकेट नहीं होते। बारिश में पानी और मौसम का फायदा उठाकर शिकारी पार्क में घुसने की कोशिश करते हैं। इसलिए भी मानसून अलर्ट पर वन अमला रहता है। ऐसे में इस चुनौती पूर्ण कार्य के लिए वाहन की बजाए फुट पेट्रोलिंग अहम हो जाती है। ऐसी स्थिति में वनराज को तलाशने हाथी दल की मदद ली जाती है। 278 से अधिक सुरक्षाकर्मी का यह दल हर रोज 9 रेंज के 1536 वर्ग किमी पर अपनी पैनी नजर रखेगा। ज्ञातव्य रहे कि औसतन हर 12.15 वर्ग किमी पर यहां एक टाईगर की मौजूदगी है। इसके अलावा 45 से अधिक जंगली हाथी भी अपना स्थाई रहवास बना चुके हैं। वन संपदा व जीवों से अटे बांधवगढ़ के जंगल में सामान्य रास्ते पानी से बंद हो जाते हैं। इसलिए वाहनों की बजाए यहां केवल पैदल पहरेदारी होती है। अब दुर्गम क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग होगा।
ये है पैट्रोलिंग का दायरा
प्रबंधन ने मानसून गश्त के लिए पेट्रोलिंग कैम्प में दल को न्यूनतम तीन कर्मचारियों का दल एक दिन में कम से कम 5.6 किमी रहता है। हाथी दल सुबह व पैदल दिन में तीन बार जंगल में जाते हैं। कच्चे रास्ते में ये लोग बाघ के पगमार्ग, विष्ठा व कैमरे आदि से ट्रेस करते हैं। बताया जाता है कि बाघों की संख्या 124 है। नौ रेंज जिसमें तीन बफर एवं छह कोर है। क्षेत्रफल 1536.93 वर्ग किमी है। कोर 716, बफर 820, गश्ती प्वाइंट 175, वन प्रहरी 278, वायरलैस स्टेशन 27, वाच टावर 15 तथा बैरियर 39 है।