किसान ने कर्ज एक बार लिया पर सहकारी कर्मचारियों ने दो बार कर ली वसूली..
उमरिया। किसान कहीं न कहीं सहकारी संस्थाओं में पदस्थ कर्मचारियों के शोषण का शिकार हो ही जाता है। चाहे वह खाद-बीज की बात हो, खरीदी केंद्रों का
किसान ने कर्ज एक बार लिया पर सहकारी कर्मचारियों ने दो बार कर ली वसूली..
उमरिया। किसान कहीं न कहीं सहकारी संस्थाओं में पदस्थ कर्मचारियों के शोषण का शिकार हो ही जाता है। चाहे वह खाद-बीज की बात हो, खरीदी केंद्रों का मामला अथवा बैंकों से कर्ज लेने के मामले में किसानों के साथ धोखाधड़ी के मामले सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के उमरिया जिले का सामने आया है जहां उमरिया जिले के ग्राम ददरौड़ी का रहने वाला एक किसान ने कर्ज तो एक बार ही लिया लेकिन उससे उसी करम की दो बार वसूली हो चुकी है।
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पहले हुई वसूली की रसीद किसान के पास है और वह उस रसीद को दिखाता रहा लेकिन सहकारी संघ के लोगों ने उसकी बात नहीं सुनी और दोबारा वसूली कर ली। ज्ञात हो कि सहकारी संघ की स्थापना ग्रामीणों और किसानों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से की गई थी। लेकिन देखने में आ रहा है कि सहकारी संघों में काम करने वाले लोग सिर्फ किसानों का शोषण कर रहे हैं।
जनिये क्या है मामला
जानकरी अनुसार उमरिया जिले के ग्राम ददरौड़ी निवासी भोला प्रसाद यादव ने कलेक्टर से शिकायत की है कि उसने कुछ समय पहले सहकारी समिति ददरौड़ी से 14000 रुपये कर्ज लिया था। यह कर्ज उसने बीज आदि के लिये लिया था। जिसे वह समिति को दे चुका है। इसके बावजूद भी उससे दोबारा वसूली गई है। किसान भोला प्रसाद यादव ने बताया कि वह अपनी धान की फसल बिक्री करने के लिये सहकारी समिति ददरौड़ी गया था जहां उससे इस रकम की वसूली की गई है।
धान खरीदी के बाद सहकारी समिति के कर्मचारियों ने उसे बताया कि उसके ऊपर 14000 का कर्ज बकाया है जिसे वसूल कर लिया गया। मामले को लेकर भोला प्रसाद ने सहकारी समिति प्रबंधक से मिले और बताया कि वह कर्ज की रकम चुकता कर दिया है। लेकिन प्रबंधक ने उसकी बात नहीं मानी और बिक्री किये गये धान के कुल भुगतान में से रकम काटकर वसूल कर ली गई। रकम काट लिये जाने से किसान भोला प्रसाद निराश हो गया और वह मामले की शिकायत कलेक्टर से कर दी। कलेक्टर ने सिर्फ जांच का आश्वासन देकर चलता कर दिया लेकिन जांच कब होगी, यह निश्चित नहीं हो सका है।