लगातार हो रही बाघों की मौत पर घिरा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रशासन, अब बाघिन T-32 का शव कुएं में मिला, जांच में जुटा अमला

वर्ष 2021 में कई बाघों का शिकार हुआ तो वहीं कई बार आपसी संघर्ष में बाघों की मौत हुई है. अब बाघिन T-32 का शव कुएं में मिला है.

Update: 2021-08-31 10:53 GMT

कुआ में मिला १४ साल की बाघिन का शव

उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघ-बाघिन के मौत का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा हैं। वर्ष 2021 में कई बाघों का शिकार हुआ तो वहीं कई बार आपसी संघर्ष में बाघों की मौत हुई है। बढ़ रही घटनाओं के बाद भी वन अमला हादसे के बाद जांच कर अपने दयित्वों को पूरा कर रहा है।

बांधवगढ़ टाइगर के मानपुर रेंज के दमना बीट में एक 14 वर्ष की बाघिन टी-32 के मौत का मामला सामने आया है। जिसमें बाघिन का शिकार कर उसे पत्थर से बांधकर बांसा गांव के कुएं में फेक दिया गया था। सोमवार को जानकारी के बाद वन अमले ने मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है।

बाघिन T-32 ने बांधवगढ़ को दिये 9 शावक

जानकारी के अनुसार बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की बाघिन टी-32 ने वर्ष 2011, 2013 और 2015 में 9 शावकों को जन्म दिया। बाघों का कुनबा बढ़ाने में टी-32 का अहम योगदान रहा है। लेकिन वन अमले के लपरवाही पूर्ण रवैये से बाघों के जीवन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

जांच में जुटे फील्ड डायरेक्टर

बाघिन की मौत की जानकारी अमले को गांव के लोगांं ने दी। गांव के लोगों ने कुएं में बाघिन का शव पड़े होने की जानकारी दी। जिसके बाद फील्ड डायरेक्टर रहीम ने मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है। इस मामले में उनका कहना है कि जांच कर दोषियों को पकड़ने टीम लगा दी गई है। जंच के बाद जो भी मामला सामने आयेगा कार्रवाई की जायेगी।

कब-कब हुआ बाघ पर हमला

जानकारी के अनुसार जनवरी में एक शावक के कारण बाघ का हमला हआ था। फरवरी, मार्च माह में बाघिन पर हमला होने से उनकी जान गई। 16, 27 तथा 30 अगस्त को आपसी संघर्ष तथा अज्ञात कारणों से बाघिन की जान जा चुकी है। 12 अप्रैल तथा 14 मई को बाघ पर हमला हो चुका है। जिससे उनकी असमय जान गई।

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