उमरिया में एम्बुलेंस को इलाज की दरकार, चोरों ने पार किया सामान, खड़े-खड़े हो रही कबाड़
MP News: मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में एम्बुलेंस को ही इलाज की दरकार है। नई एम्बुलेंस का उपयोग तक नहीं हुआ और यह खड़े-खड़े अब कबाड़ होती जा रही है। इस एम्बुलेंस का शीशा तोड़कर चोरों द्वारा अंदर रखा सामान भी पार कर दिया गया है।
मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में एम्बुलेंस को ही इलाज की दरकार है। नई एम्बुलेंस का उपयोग तक नहीं हुआ और यह खड़े-खड़े अब कबाड़ होती जा रही है। इस एम्बुलेंस का शीशा तोड़कर चोरों द्वारा अंदर रखा सामान भी पार कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते एम्बुलेंस का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। इस एम्बुलेंस को अब पुनः दौड़ाने के लिए इसकी मरम्मत करवानी पड़ेगी तब जाकर लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
दो साल पहले स्वास्थ्य विभाग को दी थी हाईटेक एम्बुलेंस
उमरिया जिले के बांधवगढ़ विधायक शिवनारायण सिंह ने अस्पतालों में विधायक निधि से एम्बुलेंस दी थी। जिससे जनता को बेहतर और समय पर उपचार सुविधा मिल सके। दो साल पहले स्वास्थ्य विभाग को विधायक निधि से दी गई हाईटेक एम्बुलेंस का लाभ लोगों को नहीं मिल सका। सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग ने न तो उस एम्बुलेंस का उपयोग किया और न ही उसका रखरखाव किया। चंदिया अस्पताल में खड़े-खड़े ही यह एम्बुलेंस जर्जर और क्षतिग्रस्त हो चुकी है। जिसको अब चलाने के लिए पहले सुधार कराने की जरूरत है।
रखरखाव नहीं होने से हुई जर्जर
मध्यप्रदेश सरकार और जिले के जनप्रतिनिधि स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधार के लिए लगातार प्रयासरत रहते हैं। किंतु उनके इन प्रयासों का लाभ जनता को समुचित ढंग से नहीं मिल पा रहा है। उमरिया जिले के बांधवगढ़ विधायक शिवनारायण सिंह ने दो वर्ष पूर्व एम्बुलेंस स्वास्थ्य विभाग को दी थी। जिससे जनता की परेशानी कम हो सके और स्वास्थ्य सुविधा जल्द मिल सके। किंतु स्वास्थ्य विभाग के लापरवाही के चलते चंदिया अस्पताल में खड़ी एम्बुलेंस जर्जर अवस्था में पहुंच गई। बताया गया है कि कुछ दिन पहले अस्पताल परिसर में खड़ी इस एम्बुलेंस का असामाजिक तत्वों ने कांच तोड़कर सामान भी पार कर दिया है। अब इसको चलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग को हजारों रुपए खर्च करना पड़ेगा। जिसके बाद ही मरीजों को एम्बुलेंस सुविधा मिल पाएगी। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के खंड चिकित्सा अधिकारी व्हीएम चंदेल का कहना है कि एम्बुलेंस को 108 के सुपुर्द किया गया था। उसका रखरखाव व देखरेख 108 वाले ही करते हैं।