विंध्य: जातिगत आधार पर ब्राह्मणों का दबदबा, 8 सीटों पर ब्राह्मण, 4 में ठाकुर, 13 पर SC-ST नेता चमके
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कई सीटों पर ब्राह्मणों ने ही ब्राह्मणों को हराया रीवा। जातिगत आधार पर लड़े गए विधानसभा व में विंध्य क्षेत्र का गणित इस प्रकार रहा कि सवर्ण बाहुल्य इलाके में 30 सीटों में से 8 ब्राह्मण तीन ठाकुर, एक कुशवाहा, एक वैश्य, तीन पटेल, एक सराफा तथा 13 अजा और अजजा के उमीदवार जीते हैं। आठ ब्राह्मणों में सभी भाजपा के हैं। जाति गणित के हिसाब से जो ब्राह्मण जीते हैं वे सभी भाजपा के हैं। इनमें रीवा से राजेंद्र शुक्ला ने कांग्रेस के ब्राह्मण अभय मिश्रा को, देवतालाब से गिरीश गौतम, त्योंथर से श्यामलाल द्विवेदी, सेमरिया से केपी त्रिपाठी, कांग्रेस के ब्राह्मण प्रत्याशी त्रियुगीनारायण शुक्ला को हराकर चुनाव जीते। चित्रकूट से नीलांशु चतुर्वेदी, सीधी से केदार शुक्ला कांग्रेस के कमलेश्वर द्विवेदी को, मैहर से नारायण त्रिपाठी कांग्रेस के ब्राह्मण प्रत्याशी श्रीकांत चतुर्वेदी को हराकर जीते हैं। चुरहट से शरदेंदु तिवारी हैं।
चार ठाकुर भी भाजपा के इस बार चार ठाकुर नेता विंध्य से विधानसभा पहुंचे हैं। इनमें नागेंद्र सिंह गुढ़, विक्रम हर्ष सिंह रामपुर बघेलान, नागेन्द्र सिंह नागौद, सिरमौर दिव्यराज सिंह शामिल हैं।
विंध्य की 30 सीटों में से केवल दो महिला विजयी, 27 को नहीं मिल सकी तवज्जो चुनावों में 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं को देने का वायदा राजनैतिक दलों ने पूरा नहीं किया, अलबत्ता जितनी सीटों पर महिलाएं उतरीं वे जीत नहीं पाईं। भाजपा ने विंध्य क्षेत्र में दो आरक्षित सीट पर मानपुर से मीना सिंह और जैतपुर से मनीषा सिंह को टिकट दिया था और वे जीत गईं। भाजपा ने किसी सवर्ण महिला को टिकट नहीं दिया था। इस इलाके की 30 सीटों में से इस बार आधी आबादी ने केवल दो महिलाओं को विजय श्री दिला कर भोपाल विधानसभा भेजा है। शेष सीटों पर किसी भी महिला का खाता नहीं खुला। इस चुनाव में कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने जिन महिलाओं को मैदान में उतारा था उनमें कोई भी नहीं जीत सकीं।
कांग्रेस ने 6 पर आजमाया दांव इनमें मनगवां में बबीता साकेत, देवतालाब में विद्यावती पटेल, सिरमौर में अरुणा तिवारी, रैगांव में कल्पना वर्मा, सिंगरौली में रेनू शाह, चितरंगी से सरस्वती सिंह को कांग्रेस पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा था। इनमें से कोई भी नहीं जीत सकीं।
बसपा ने तीन प्रत्याशी उतारे बहुजन समाज पार्टी ने मनगवां से शीला त्यागी, रैगांव से उषा चौधरी दोनों पिछली बार विधायक थीं। त्योंथर से गीता मांझी को बसपा ने अपना प्रत्याशी घोषित किया था परंतु कोई भी महिला मतदाताओं की पसंद नहीं बन सकीं।
निर्दलीय महिलाओं को नहीं मिली तवज्जो अन्य महिला उमीदवारों में कई निर्दलीय भी चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमाने उतरीं परंतु उनको जीत नसीब नहीं हो सकी। इनमें रैगांव विधानसभा से सावित्री सिंह, सतना से निर्मला तिवारी, रश्मि तथा रबिया खान निर्दलीय रूप में मैदान में थीं। नागौद विधानसभा से फूलन देवी बागरी अपना दल तथा डॉ रश्मि सिंह निर्दलीय उमीदवार के रूप में चुनाव लड़ी हैं।
रामपुर बघेलान से जन अधिकार पार्टी से गीता सिंह तथा उर्मिला कोल सिरमौर विधानसभा से उर्मिला गौतम तथा देवतालाब विधानसभा से निरूपमा पटेल, आशा तिवारी, जयसिंह नगर से नीलम सिंह मरावी, जैतपुर विधानसभा से उमा धुर्वे, मनीषा सिंह जानकीबाई सिंह संजू बाई कोल तथा कोतमा से सावित्री गुप्ता, निर्मला प्रजापति, शबनम मौसी मानपुर विधानसभा से रेखा कोल ज्ञानवती सिंह और अन्नू कोल शामिल हैं। सिंगरौली से आम आदमी पार्टी की रानी अग्रवाल मैदान में थीं। देवसर विधानसभा से कयुनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया ने शिवकली साकेत, समान आदमी पार्टी से निर्मला प्रजापति चुनाव लड़ीं थी। यौहारी विधानसभा से निर्दलीय कलावती के नाम शामिल हैं।