पन्ना के एसडीएम कार्यालय चेम्बर में ही युवती ने निगल लिया जहर, मची अफरा तफरी

MP News: मध्यप्रदेश के पन्ना स्थित एसडीएम कार्यालय के चेम्बर में एक युवती द्वारा जहर निगल लिए जाने का मामला प्रकाश में आया है। जिसके बाद कार्यालय में मौजूद एसडीएम और स्टाफ के कर्मचारियों में अफरा तफरी का माहौल निर्मित हो गया।

Update: 2023-04-11 07:46 GMT

मध्यप्रदेश के पन्ना स्थित एसडीएम कार्यालय के चेम्बर में एक युवती द्वारा जहर निगल लिए जाने का मामला प्रकाश में आया है। जिसके बाद कार्यालय में मौजूद एसडीएम और स्टाफ के कर्मचारियों में अफरा तफरी का माहौल निर्मित हो गया। मामले की जानकारी से तत्काल पुलिस को अवगत कराया गया। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने युवती को उपचार के लिए अस्पताल भिजवाया। पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है।

क्या है मामला

बताया गया है कि पन्ना के देवेन्द्र नगर निवासी दिलीप सिंह का जमीन में रास्ते संबंधित पुराना पारिवारिक विवाद था। मामले में पिता दिलीप सिंह और उनकी बेटी आकांक्षा सिंह कई सालों से रास्ता दिलवाए जाने की मांग कर रहे थे। उनका मामला पूर्व से ही एसडीएम कार्यालय में चल रहा था। मामले को लेकर वे एसडीएम कार्यालय पहुंचे और रास्ता नहीं मिलने से क्षुब्ध आकांक्षा सिंह ने एसडीएम कार्यालय के चेम्बर में ही जहर निगल लिया। उसके बाद द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद कार्यालय में अफरा तफरी मच गई। तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस द्वारा युवती को उपचार के लिए अस्पताल भिजवाया।

दिए थे 15 लाख रुपए

देवेन्द्र नगर निवासी दिलीप सिंह के मुताबिक उनकी जमीन में रास्ते संबंधी विवाद का मामला है। जिस पर एसडीएम के कहने पर उनके द्वारा 15 लाख रुपए दिए गए थे। यह रकम एक खाते में ट्रांसफर की गई थी। इसके बावजूद रास्ता नहीं मिल सका। जिसके लिए वह और उनकी बेटी आकांक्षा कई सालों से कार्यालय का चक्कर लगाते आ रहे हैं। इसका आदेश भी उनके पास है। रास्ते के विवाद का निराकरण नहीं होने के चलते उनकी बेटी ने जहर का सेवन कर लिया।

इनका कहना है

मामले पर पन्ना एसडीएम सत्यनारायण दर्रो का कहना है कि रास्ता संबंधित पारिवारिक विवाद है जो वर्ष 2010 से चल रहा था। इनको रास्ता नहीं मिल रहा था। जिसके बाद हमने रास्ते के लिए पड़ोसी की एक जमीन की 15 लाख रुपए में इनके नाम रजिस्ट्री करवाई। किंतु अभी जमीन में फसल लगी हुई है। जिसके चलते रास्ता मिलने में विलंब हो रहा है। उन्होंने पिता और बेटी को आश्वासन दिया था कि फसल कटते ही रास्ता खुलवा दिया जाएगा। किंतु इन लोगों द्वारा बार-बार रास्ते को लेकर दबाव बनाया जा रहा था।

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