केन-बेतवा लिंक परियोजना के विरोध में पूर्व मंत्री व राजामाता भी मैदान में उतरीं : PANNA NEWS

पन्ना (Panna News)। केन-बेतवा लिंक परियोजना के विरोध का सिलसिला अब थमने का नाम नहीं ले रहा। पन्ना राजघराने की सबसे बुजुर्ग सदस्य राजमाता दिलहर कुमारी सहित भाजपा की कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री कुसुम सिंह महदेले ने भी इस विवादित परियोजना का पुरजोर विरोध किया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान होली के समय परिवार के साथ जब एकांतवास में पन्ना आए थे, उस समय यहां के युवकों ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए अनूठे अंदाज में केन-बेतवा परियोजना का विरोध किया था। गत दिवस भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा पन्ना पहुंचे, उस समय कांग्रेस के नेताओं ने इस परियोजना को पन्ना के लिए घातक बताते हुए उन्हें ज्ञापन सौंपा। इस तरह से पन्ना में विरोध का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है।

Update: 2021-04-05 08:43 GMT

पन्ना (Panna News)। केन-बेतवा लिंक परियोजना के विरोध का सिलसिला अब थमने का नाम नहीं ले रहा। पन्ना राजघराने की सबसे बुजुर्ग सदस्य राजमाता दिलहर कुमारी सहित भाजपा की कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री कुसुम सिंह महदेले ने भी इस विवादित परियोजना का पुरजोर विरोध किया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान होली के समय परिवार के साथ जब एकांतवास में पन्ना आए थे, उस समय यहां के युवकों ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए अनूठे अंदाज में केन-बेतवा परियोजना का विरोध किया था। गत दिवस भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा पन्ना पहुंचे, उस समय कांग्रेस के नेताओं ने इस परियोजना को पन्ना के लिए घातक बताते हुए उन्हें ज्ञापन सौंपा। इस तरह से पन्ना में विरोध का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है।

केन नदी पर पन्नावासियों का पहला हक

केन-बेतवा लिंक परियोजना के विरोध में अपनी आवाज बुलंद करने के लिए नए-नए तरीके ईजाद हो रहे हैं। वाहनों में नारे लिखवाकर लोगों को जागरूक करने का भी प्रयास किया जा रहा है। जिससे केन नदी को बचाने के इस अभियान में अधिक से अधिक लोग जुड सकें। पन्ना वासियों का कहना है कि केन नदी पर पहला हक उनका है, हमें हमारे हक से वंचित नहीं किया जा सकता। मालुम हो कि पन्ना जिले में पेयजल की आपूर्ति बोर, कुंओं व तालाबों के जरिये होती है। इन जल श्रोतों में अत्यधिक कैल्शियम होने के कारण पन्ना की 90 फीसदी जनता उदर रोगों से पीड़ित है। केन नदी का पानी पेयजल के लिए उपलब्ध हो जाये तो पन्नावासियों की समस्या का समाधान हो सकता है।

पन्नावासियों को फायदा नहीं सिर्फ नुकसान

अंकित शर्मा बताते हैं कि केन-बेतवा लिंक परियोजना से पन्ना जिले के किसी भी भू.भाग को कोई लाभ नहीं मिलेगा। जबकि 427 किमी लम्बी केन नदी का अधिकांश भाग जो केन को विशाल बनाता है, जल आपूर्ति वाला यह क्षेत्र पन्ना जिले में ही स्थित है। केन नदी से प्रति वर्ष अरबों रुपयों की रेत निकलती है, जो इस परियोजना के मूर्तरूप लेने पर खत्म हो जाएगी, जिससे पन्ना जिले को भारी भरकम राजस्व की हानि होगी। चूंकि पन्ना टाईगर रिजर्व के स्थापित होने में पन्नावासियों ने अत्यधिक बलिदान दिया है, और अब जब पन्ना टाइगर रिजर्व बाघों से आबाद हुआ व यहां पर्यटन के विकास की संभावनाएं बढ़ीं तो टाईगर रिजर्व को ही उजाड़ने की साजिश रच दी गई।

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