एमपी के कटनी कलेक्टर की अनोखी पहलः बच्चों से पहले खुद चखेंगे मध्यान्ह भोजन, गड़बड़ी मिलने पर होगी कार्रवाई

बच्चों के मध्यान्ह भोजन में गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आती ही रहती हैं। जिस पर अंकुश लगाने के लिए कटनी कलेक्टर ने अनोखी पहल प्रारंभ की है।

Update: 2023-01-07 11:26 GMT

बच्चों के मध्यान्ह भोजन में गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आती ही रहती हैं। जिस पर अंकुश लगाने के लिए कटनी कलेक्टर ने अनोखी पहल प्रारंभ की है। बच्चों को मध्यान्ह भोजन परोसे जाने के पूर्व कलेक्टर स्वयं उसका स्वाद चखेंगे, इसके बाद बच्चों को परोसा जाएगा। यदि इस दौरान मध्यान्ह भोजन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है तो संबंधितों पर दण्डात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।

गैर मौजूदगी में अधिकारी करेंगे गुणवत्ता परीक्षण

कटनी कलेक्टर अवि प्रसाद ने मध्यान्ह भोजन में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए अनोखा तरीका निकाला है। उनके द्वारा एक आदेश जारी किया गया है। जिसमें बच्चों के लिए मध्यानह भोजन तैयार करने वाली समिति को पत्र लिखकर यह निर्देश दिए गए हैं कि जो मध्यान्ह भोजन बच्चों को परोसा जाता है उसे पहले उनको चखाना होगा। इसके बाद भी वह बच्चों को परोसा जाएगा। इस दौरान वह मुख्यालय में नहीं रहते हैं तो उनकी गैर मौजूदगी में जिले के वरिष्ठ अधिकारी गुणवत्ता परीक्षण करने का दायित्व निभाएंगे।

भोजन में अंतर मिला तो होगी कार्रवाई

मध्यान्ह भोजन वाली सभी समितियों को कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा आदेश जारी किया गया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि बच्चों को दिया जाने वाला मध्यान्ह भोजन का एक टिफिन पहले उनको भेजा जाएगा। जिसका सेवन कर वह स्वयं उसकी गुणवत्ता का परीक्षण करेंगे। आदेश में यह भी स्पष्ट कहा गया है कि उनके यहां जो भोजन का टिफिन आना चाहिए वैसा ही मध्यान्ह भोजन स्कूलों में भी बच्चों को भी परोसा जाना चाहिए। यदि जांच के दौरान दोनों में अंतर पाया गया तो शासन को भ्रमित करने और इसे धोखाधड़ी मानते हुए संबंधितों पर दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।

नोटिस जारी कर मांगा था जवाब

कैरिन लाइन स्थित सरकारी स्कूल के दौरे पर हाल ही में कटनी कलेक्टर अवि प्रसाद गए थे। स्कूल में बच्चों के साथ उनके द्वारा भी मध्यान्ह भोजन किया गया था। बताया गया है कि उस दौरान मध्यान्ह भोजन करते की गुणवत्ता शासन के गाइड लाइन के अनुरूप नहीं था। जिस पर कलेक्टर द्वारा आदर्श धार्मिक पारमार्थिक एवं शैक्षणिक सेवा समिति को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। जिसके बाद संस्था ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए भविष्य में इस तरह की गलती न करने का आश्वासन दिया था। बच्चों को परोसे जाने वाले मध्यान्ह भोजन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो सके इसीलिए कलेक्टर द्वारा यह पहल शुरू की गई है।

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