एमपी इंदौर के दो परिवारों ने पेश की मिसाल, मौत के बाद बुजुर्गों का कराया देहदान
इंदौर में दो परिवारों ने बुजुर्गों की मौत के बाद उनका देहदान कराया है। इनकी आंखें जहां लोगों की जिंदगी रोशन करने का काम करेंगी तो वहीं उनकी देह से मेडिकल छात्र पढ़ाई कर सकेंगे।
इंदौर में दो परिवारों ने बुजुर्गों की मौत के बाद उनका देहदान कराया है। इनकी आंखें जहां लोगों की जिंदगी रोशन करने का काम करेंगी तो वहीं उनकी देह से मेडिकल छात्र पढ़ाई कर सकेंगे। देहदान के बाद उनका शरीर सुख सागर मेडिकल कॉलेज जबलपुर व आरके कपूर मेमोरियल आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज इंदौर के मेडिकल छात्रों के पढ़ाई के काम में आएगी।
महिला ने देहदान की जताई थी इच्छा
31 दिसम्बर को दोनों बुजुर्गों का निधन हुआ था। परिजनों की मानें तो वह कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। दिवंगत बुजुर्गों में इंदिरा देवी जेसवानी 83 वर्ष निवासी कड़ाबीन और संतोषीलाल जैन 75 वर्ष निवासी एयरपोर्ट रोड हैं। जिनकी मौत साल के आखिरी दिन में हुई थी। स्व. इंदिरा देवी की बहू ने बताया कि उनके द्वारा कई साल पहले अपने पोते दीपक से देहदान की इच्छा जाहिर की थी। जिसके बाद इसके लिए पहले से ही फॉर्म भी भरा जा चुका था। मामले में दोनों परिवारों ने उनके निधन के बाद मुस्कान ग्रुप के सेवादार संदीपन आर्य व जीतू बगानी से संपर्क किया। जिस पर इनके नेत्रदान के लिए एमके इंटरनेशनल आई बैंक से संपर्क किया गया। जबकि त्वचा के लिए चोइथराम स्किन बैंक से समन्वय कर सारी प्रक्रियाएं पूर्ण कराई गईं।
इनका परिजनों ने कराया देहदान
स्व. संतोषीलाल जैन के परिजनों द्वारा खुद उनकी देह, आंख व त्वचा दान करने की मंशा जताई गई। संतोषीलाल के दोनों बेटों संदीप और अजीत चाहते थे कि उनकी देह, नेत्र और त्वचा किसी के काम आए। इस तरह दोनों परिवारों की सहमति के बाद स्व. संतोषीलाल जैन की देह आरके कपूर मेमोरियल आयुर्वेदिक कॉलेज इंदौर को दान की गई। इस प्रक्रिया को पूर्ण कराने में डॉ. रेणू जयसिंघानी, राजकुमार खेतपाल, सेवा भारती मुकेश जैन, प्रीतेश जैन, जयवंत निगम, महेन्द्र कुशवाह व अशोक राठौर ने समन्वय बनाया। वहीं स्व. इंदिरा देवी की देह को सुखसागर मेडिकल कॉलेज जबलपुर को दान की गई। देहदान के बाद अब मेडिकल छात्र इनकी देह से शोध कर सकेंगे।