एमपी के इंदौर में एक संपत्ति के दो बिल बनाकर की टैक्स चोरी, 14 कर्मचारी सस्पेंड, 9 बर्खास्त

एक ही संपत्ति के जहां दो-दो बिल बनाकर नगर निगम इंदौर को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई, वहीं बकायादार अपात्र उपभोक्ताओं को अधिभार में सौ प्रतिशत तक की छूट प्रदान कर दी गई।

Update: 2022-11-30 10:11 GMT

एक ही संपत्ति के जहां दो-दो बिल बनाकर नगर निगम को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई, वहीं बकायादार अपात्र उपभोक्ताओं को अधिभार में सौ प्रतिशत तक की छूट प्रदान कर दी गई। 12 नवंबर को इंदौर में आयोजित हुई नेशनल लोक अदालत में मामले का खुलासा हुआ।एक ही संपत्ति के दो-दो बिल बनाकर कारनामे को अंजाम दिया गया। अब तक 45 लाख 50 हजार 719 रुपए की टैक्स चोरी सामने आ चुकी है। टैक्स चोरी का मामला सामने आने के बाद 2 राजस्व अधिकारी सहित 14 को निलंबित कर 9 अन्य की सेवा समाप्त कर दी गई है।

कैसे की गड़बड़ी

नगर निगम द्वारा उपभोक्ताओं की राशि बकाया होने पर उन्हें समय-समय पर अधिभार में छूट प्रदान की जाती है। जिससे बकायादार उपभोक्ता छूट का लाभ लेने के लिए बकाया राशि जमा करते हैं। नियमों के अनुसार कर व अधिभार का 50 हजार तक का बकाया होने पर अधिभार में सौ प्रतिशत की छूट प्रदान की जाती है। जबकि 50 हजार रुपए से अधिक होने पर अधिभार में 50 प्रतिशत और एक लाख से अधिक बकाया होने पर 25 प्रतिशत तक की छूट प्रदान करने का प्रावधान है। ऐसे में यदि किसी उपभोक्ता की 70 हजार रुपए की कर राशि बकाया है तो उसे 50 प्रतिशत छूट मिलनी चाहिए। किन्तु उनके दो-दो बिल बनाकर उनको भी 100 प्रतिशत तक की छूट प्रदान कर दी गई जो इसके अपात्र हैं।

इन पर हुई कार्रवाई

नगर निगम इंदौर में संपत्ति कर वसूली मामले में गड़बड़ी सामने आते ही जोन 12 के अतुल मिश्रा व जोन 16 के प्रभारी सहायक राजस्व अधिकारी हरीश बारगल के साथ ही 12 स्थानीय कर्मचारी अंकित शर्मा, अशोक पाटिल, रमेश यादव, जागृति बिरथरे, हिसाबुद्दीन करैशी, मुकुल शर्मा, अमर तिवारी, मयंक धेमन, पदम सिंह राठौर, मो. जावेदन, अहमद बिलाल अंसारी, गोविंद राठौर को निलंबित कर दिया गया है। इनमें प्रभारी बिल कलेक्टर, क्लर्क, बेलदार शामिल हैं। इनकी विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। इसके अलावा कम्प्यूटर ऑपरेटर प्रिंस गिरीया, अंकित पाल, देवाशीष मिश्रा, जीतेन्द्र सूर्यवंशी, लिंकेश गवली, मनीष श्रीवास, अमित परमार, मयूर बंसोडे, अरुण सिंघल की सेवा समाप्त कर दी गई है। इस संबंध में निगमायुक्त प्रतिभा पाल का कहना है कि नगर निगम को 45 लाख 50 हजार 719 रुपए की वित्तीय हानि पहुंचाने का मामला प्रकाश में आया है। जिसके तहत उक्त कार्रवाई की गई है।

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