इंदौर: डीएवीवी में नहीं भर रहीं सीटें, पहली बार मिलेगा सीधे प्रवेश

DAVV Admission: सीटें भरने के लिए विवि प्रबंधन अब खाली सीटों पर सीधे प्रवेश देगा। विवि सूत्रों की माने तो इसके लिए विवि द्वारा अलग से आदेश और अधिसूचना निकालेगा।

Update: 2022-07-02 09:04 GMT

MP Indore News: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर (DAVV Indore) में ऐसा पहली बार हो रहा है जब आवेदनों की संख्या सीटों से काफी कम है। सीटें भरने के लिए विवि प्रबंधन अब खाली सीटों पर सीधे प्रवेश देगा। विवि सूत्रों की माने तो इसके लिए विवि द्वारा अलग से आदेश और अधिसूचना निकालेगा। विवि के विभिन्न विभागों में संचालित 90 कोर्स में प्रवेश के लिए नान सीईटी को लेकर पंजीयन प्रक्रिया पूरी हो गई है। यह पहला मौका है जब काउंसलिंग का दूसरा चरण व सीएलसी नहीं होगी। क्योंकि इस बार पर्याप्त रजिस्ट्रेशन भी नहीं किए गए हैं। इसी कारण से विवि प्रबंधन ने प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव करने का निर्णय लिया है।

क्यों कम आए आवेदन

विवि में संचालित कोर्स में कम आवेदन आने के पीछे तीन अहम वजह मानी जा रही है। पहली यह कि अभी तक 12वीं सीबीएसई का परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किया गया। दूसरा सीयूईटी (CUET) में अधिकांश विद्यार्थियों ने पंजीयन करवा रखा है। तीसरी वजह विद्यार्थियों की अपनी लापरवाही मानी जा रही है। अधिकांश विद्यार्थियों ने नान सीईटी की बजाय सीयूईटी में आवदेन कर दिया है। इसी कारण से विवि सीटें न भर पाने के कारण विभागों में सीधे प्रवेश दे रहा है। गौरतलब है कि इस बार यूजीसी द्वारा केन्द्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा, सीयूईटी के तहत देश के विश्वविद्यालयों में संचालित कोर्स में प्रवेश देने का निर्णय लिया गया था। लेकिन इस परीक्षा में सम्मिलित होना या न होना विवि पर निर्भर करता है। डीएवीवी (DAVV) ने विद्यार्थियों के लिए सीयूईटी और नान सीईटी दोनो के तहत एडमिशन देने का निर्णय लिया था। बताते हैं कि विद्यार्थी दोनों परीक्षाओं में अंतर नहीं समझ पाए। जिसके कारण अधिकांश परीक्षार्थी प्रवेश परीक्षा क्वालीफाई ही नहीं कर पाए।

यहां मिलेगा सीधे प्रवेश

बताया गया है विवि के आईएमएस, पत्रकारिता, लॉ, फिजिकल एजुकेशन, दीनदयाल उपाध्याय केन्द्र, इलेक्ट्रानिक्स, फिजिक्स, केमेस्ट्री, लाइब्रेरी, डाटा साइंस, कम्प्यूटर साइंस, आइईटी सहित विभागों से संचालित होने वाले 90 से अधिक कोर्स में नान सीईटी से प्रवेश दिया जाएगा। 10 सर्टिफिकेट, 14 डिप्लोमा, 10 पीजी डिप्लोमा, बीवॉक-एमवाक वोकेशनल, नौ स्नातक और 19 एमएससी, 14 एमए, 13 अन्य पीजी के 90 कोर्स की 3465 सीटों पर पंजीकरण की संख्या करीब 3 हजार ही है। 16 मई से 30 जून तक.

एक काउंसलिंग करवाना भी मुश्किल

एडमिशन की खस्ताहालत को देखते हुए विवि ने प्रवेश समिति की बैठक बुलाई। जहां कई मुद्दों पर चर्चा हुई। कुछ विभागाध्यक्षों ने कहा कि कई ऐसे कोर्स हैं, जिनमें आवेदन कम आए हैं। एक काउंसलिंग करवाना भी मुश्किल है। दूसरे चरण की काउंसलिंग करवाने का सवाल ही नहीं है। जिसके बाद विवि कुलपति प्रो. रेणु जैन ने सीधे प्रवेश दिए जाने को लेकर चर्चा की। इसका कारण यह है कि कुछ विभागों में सीटें भरने का संकट पैदा हो गया है। काफी मंथन के बाद कुलपति ने सीधे प्रवेश देने को अनुमति दी। प्रवेश समिति की सदस्य डॉ. माया इंगले ने बताया कि सीधे प्रवेश दिए जाने को लेकर नियम बनाए जा रहे हैं। इसके लिए अधिसूचना निकाली जाएगी।

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