बांग्लादेश के बॉर्डर से चोर पकड़कर ले आई इंदौर पुलिस, लोगों ने घेरा, सादे कपड़ों में पैदल चलें... पानी के बीचोबीच था घर, लेकिन हार नहीं मानी
इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर में एक हाई प्रोफाइल चोरी के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. चोरी कर बंगाल भाग गए चोर को पुलिस ने बांग्लादेश के बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया है. उसे वहां से इंदौर लेकर आई और जेल भेज दिया. हांलाकि यह सब करना इंदौर पुलिस के लिए इतना आसान नहीं था. कई रुकावटें आई, उन्हें घेरा गया. दो दिनों तक दूध ब्रेड खाकर रहें, सादे कपड़ों में कई किमी पैदल चलें...लेकिन हार नहीं मानी, आख़िरकार आरोपी को पकड़कर ही मानें.
इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर में एक हाई प्रोफाइल चोरी के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. चोरी कर बंगाल भाग गए चोर को पुलिस ने बांग्लादेश के बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया है. उसे वहां से इंदौर लेकर आई और जेल भेज दिया. हांलाकि यह सब करना इंदौर पुलिस के लिए इतना आसान नहीं था. कई रुकावटें आई, उन्हें घेरा गया. दो दिनों तक दूध ब्रेड खाकर रहें, सादे कपड़ों में कई किमी पैदल चलें...लेकिन हार नहीं मानी, आख़िरकार आरोपी को पकड़कर ही मानें.
10 जून 2021 को इंदौर के MIG थानांतर्गत कार्तिकेय कालानी के फ्लैट नंबर 160, 161 अपार्टमेंट श्री नगर में चोरी हुई थी. चोरी किसी और ने नहीं उद्योगपति के पुराने नौकर 26 वर्षीय विश्वनाथ वैद्य निवासी 24 परगना कोलकाता ने की थी, क्योंकि उद्योगपति अमेरिका गए हुए थे. घर पर अकेली नौकरानी मेनोका माइकी ही थी. उसी ने चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. विश्वनाथ वैद्य चोरी करते हुए सीसीटीवी में कैद हो गया था. वह वहां से चांदी के बर्तन और 10 लाख के डॉलर चुरा कर बंगाल भाग गया था.
आरोपित को पकड़ने पुलिस टीम गठित की गई
पुलिस को आरोपी के बंगाल में होने की जानकारी मिली. उसे पकड़ने के लिए टीम गठित की गई. उस पर 5 हजार का इनाम घोषित किया गया फिर ASI भोला सिंह परिहार और प्रधान आरक्षक मुनेंद्र सिंह कुशवाह को उसे पकड़ने पश्चिम बंगाल जाने को कहा गया. दोनों विश्वनाथ को पकड़ने के लिए बंगाल के 24 परगना कोलकाता को 14 जुलाई को रवाना हुए.
कोलकाता पहुँचने के बाद इंदौर पुलिस ने स्थानीय पुलिस से संपर्क किया. स्थानीय पुलिस ने काफी सहयोग किया. विश्वनाथ को पकड़ने के लिए उसके घर में दबिश दी गई लेकिन वह वहां नहीं मिला. तो पुलिस ने उसके रिश्तेदारों से संपर्क किया तब पता चला वह अपने ससुराल गया होगा.
आरोपित का ससुराल बांग्लादेश के बॉर्डर ग्राम मुंशी खेड़ी गोपालपुर में था. वहां जाने के पहले स्थानीय पुलिस ने इंदौर पुलिस को बताया कि गाँव यहाँ से 25 किमी दूरी पर है. लेकिन वहां दिन में नहीं जाया जा सकता. रात में दबिश दे सकते हैं, लेकिन सादे कपडे में जाना होगा. उस इलाके में बाहरी पुलिस को देखकर लोग घेर लेते हैं, पूरा गाँव ही ऐसा है. इसलिए सतर्कता पूर्वक ही दबिश देनी होगी. साथ ही न उस गाँव में गाडी जा सकती और न ही कोई ढंग का पहुँच मार्ग है.
थके पुलिसकर्मी अपनी गाडी पर ही सो गए. ब्रेड दूध के सहारे पेट भरा और सादे कपडे में दबिश देने के लिए पैदल रवाना हुए. कई किमी तक पैदल चलने के बाद वे जब आरोपित के ससुराल वाले घर पहुंचे तो वह पानी के बीचोबीच बना हुआ था. लकड़ी के सहारे उसके घर तक पहुंचे और आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की.
गिरफ्तारी के बाद लोगों ने घेर लिया
लेकिन गिरफ्तारी के बाद गाँव की महिलाओं ने पुलिसकर्मियों को घेर लिया. उन्होंने थाली-ताली बजाना शुरू कर दिया. थाली और ताली गाँव के लोगों को एकत्रित करने और पुलिस की दबिश का संकेत होता है. देखते ही देखते 15-20 महिलाएं एकत्रित हो गई. तब इंदौर पुलिस ने सूझबूझ दिखाई. लोगों को आरोपित के चोरी करने के सीसीटीवी फुटेज दिखाएं और बताया कि वह गुनेहगार है, उसने इंदौर में अपने मालिक के घर में ही चोरी की है. इसलिए उसे सजा दिलवाना जरूरी है.
किसी तरह करके पुलिसकर्मी आरोपितों को लेकर वहां से निकल पाने में सफल रहें. बंगाल के कोर्ट में पेश करने के बाद आरोपित को पुलिस की कस्टडी मिल गई, और बिना देरी किए पुलिस 18 जुलाई को आरोपी को लेकर इंदौर आ गई. यहाँ उसे जेल भेज दिया गया. बताया जा रहा है कि वह नाव के जरिए बॉर्डर पार कर बांग्लादेश भागने की फ़िराक में था.