एक लाख की रिश्वत लेते लेडी अफसर गिरफ्तार: इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने पार्किंग में घूंस लेते पकड़ा, स्कूल संचालक से 10 लाख रुपए की मांग की थी
इंदौर में लोकायुक्त की टीम ने जिला परियोजना समन्वयक (DPC) शीला मेरावी को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। दोनों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
मध्यप्रदेश के इंदौर में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। जिला परियोजना समन्वयक (DPC) शीला मेरावी को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। मेरावी ने एक स्कूल संचालक से उनके दो स्कूलों की मान्यता रद्द करने की धमकी देकर 10 लाख रुपए की मांग की थी, जिसे बाद में 4 लाख रुपए पर तय किया गया।
लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय ने बताया कि स्कूल संचालक दिलीप बुधानी ने इसकी शिकायत की थी। वह एमपी पब्लिक स्कूल अशोक नगर और एमपी किड्स स्कूल अंजली नगर के संचालक हैं, जिनके स्टूडेंट्स को 5वीं और 8वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल कराया गया था।
आरटीआई एक्टिविस्ट संजय मिश्रा द्वारा स्कूलों के स्टूडेंट्स की जानकारी मांगने के बाद, शीला मेरावी ने रिश्वत के बदले जांच रुकवाने का आश्वासन दिया। शुक्रवार को दिलीप बुधानी 1 लाख रुपए की पहली किस्त लेकर मेरावी के ऑफिस पहुंचे, जहां उन्होंने पार्किंग एरिया में राशि दी। पैसे गाड़ी में रखते ही लोकायुक्त की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। शीला मेरावी पर भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
40 हजार रूपए की रिश्वत लेते रेवेन्यू इंस्पेक्टर भी गिरफ्तार
इसी दिन, लोकायुक्त ने इंदौर के देपालपुर में रेवेन्यू इंस्पेक्टर नरेश बिवलाकर को 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। उजालिया के निवासी भगवान कुमावत ने इस संबंध में शिकायत की थी। तहसीलदार कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला दिया था, जिसमें कब्जा हटाने का आदेश दिया गया था।
इस आदेश का पालन करने के बदले बिवलाकर ने 1.5 लाख रुपए की मांग की थी, जिसमें से 70 हजार रुपए पहले ही लिए जा चुके थे। भगवान कुमावत द्वारा दूसरी किस्त के 40 हजार रुपए देते ही लोकायुक्त की टीम ने इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर लिया। बिवलाकर पर भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज हुआ है।