GST Fraud in Indore: इंदौर में खोली गई 500 फर्जी कंपनियां, शहर के 90 प्रतिशत लोगों के आईडी प्रूफ का किया गया इस्तेमाल
MP News: सेंट्रल जीएसटी विभाग (Central GST Department) के साथ संयुक्त रूप से किए गए ऑपरेशन में 500 से ज्यादा फर्जी कंपनियां बना कर व्यापारियों व कंपनियों से इनपुट टैक्स क्रेडिट लिमिट जारी करने के नाम 700 करोड़ से ज्यादा का लेन-देन हुआ है।
इंदौर: 500 फर्जी कंपनियां बना कर 700 करोड़ से ज्यादा की इनपुट टैक्स क्रेडिट का घोटाला (Input tax credit scam) करने वाले गिरोह के मास्टर माइंड के पास इंदौर के 90 फीसदी लोगों की आईडी मिली है। इन्हीं आईडी की मदद से आरोपी ने फर्जी कंपनियां बनाने की बात कबूली है।
राज्य साइबर सेल (State Cyber Cell) एसपी जितेन्द्र सिंह की माने तो फर्जी दस्तावेजों पर जीएसटी कंपनियां (GST companies on fake documents) बनाकर लोगों से इनपुट टैक्स क्रेडिट बनाने और उन्हें पारित (Creating and passing input tax credits forgery) करने के नाम पर ये अब तक का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा है। सेंट्रल जीएसटी विभाग (Central GST Department) के साथ संयुक्त रूप से किए गए ऑपरेशन में 500 से ज्यादा फर्जी कंपनियां बना कर व्यापारियों व कंपनियों से इनपुट टैक्स क्रेडिट लिमिट जारी करने के नाम 700 करोड़ से ज्यादा का लेन-देन हुआ है। पकड़े गए आरोपी आमिर उल्ताफ हलानी और अरशान रहीम मर्चेंट फर्जी कंपनियां बनाने में माहिर है। 500 से ज्यादा जो कंपनियां ट्रैक की गई है उनका कोई आधार नहीं है। इनके जिन खातों मे पैसा ट्रांसफर किया गया है वे भी फर्जी है। इनके ट्रांजेक्शन पेटीएम वॉलेट और ई-वॉलेट में किए गए है। जिससे इनकी ट्रैकिंग भी जल्दी न की जा सके। वॉलेट में आए पैसों को आरोपी अन्य ई-वॉलेट (E-Wallet) में रोटेट कर खुद के निजी उपयोग के लिए इस्तेमाल कर रहे थे। एसपी के मुताबिक पुलिस ने रैकेट से जुडे़ आरोप सुलेमान करीम, अली मेघानी, शमशुद्दीन अमीन बोधानी सूरत, फिरोज खान सूरत को पकड़ा है। इनसे पूछताछ में यही बात समझ में आई है।
डिजिटल फुटप्रिंट जुटा रही पुलिस
साइबर सेल (Cyber Cell) पुलिस इन फर्जी कंपनियों के डिजिटल फुटप्रिंट भी जुटा रही है। इसमें 7 सौ करोड़ से भी ऊपर की राशि का घोटाला बढ़ने की उम्मीद है। वहीं जिन लोगों के दस्तावेज इस्तेमाल किए गए हैं। उनमें सभी की पड़ताल होगी। आरोपियों के पास से इंदौर के ही फर्जी दस्तावेज मिले है। जिनके जरिए कंपनियां खोलकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा था।