Lokayukta Action: एमपी के भिंड में आरआई को 7 हजार रुपए रिश्वत लेते लोकायुक्त ने रंगे हाथों दबोचा, यह है मामला

Lokayukta Action: मध्यप्रदेश के भिंड जिले की रौन तहसील में पदस्थ राजस्व निरीक्षक अशोक तैहनवार को रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा गया है। लोकायुक्त की टीम ने उन्हें 7 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा।

Update: 2023-07-12 09:54 GMT

Lokayukta Action: मध्यप्रदेश के भिंड जिले की रौन तहसील में पदस्थ राजस्व निरीक्षक अशोक तैहनवार को रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा गया है। लोकायुक्त की टीम ने उन्हें 7 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा। मामला बुधवार सुबह 7.30 बजे का है। लोकायुक्त टीम द्वारा आरोपी राजस्व निरीक्षक के खिलाफ आगे की कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है।

सीमांकन रिपोर्ट की एवज में मांगी थी रिश्वत

हासिल जानकारी के मुताबिक राजस्व निरीक्षक द्वारा सीमांकन रिपोर्ट की एवज में रिश्वत मांगी गई थी। भिंड के रौन तहसील के पड़ौरा गांव निवासी पूर्व सरपंच राजू सिंह राजावत ने अपनी खेत का सीमांकन कराया था। सीमांकन रिपोर्ट देने आरआई अशोक तैहनवार द्वारा आनाकानी की जा रही थी। उनके द्वारा इसके लिए रिश्वत मांगी गई थी। जानकारी के अनुसार राजस्व निरीक्षक द्वारा 10 हजार रुपए रिश्वत की मांग किसान से की गई थी। किसान ने इसकी सूचना लोकायुक्त पुलिस को दे दी। जिसके बाद लोकायुक्त ने मामले को ट्रेन करने के लिए फरियादी के साथ जाल बिछाया।

7 हजार रुपए में तय हुआ सौदा

लेन देन के सौदेबाजी की ऑडियो रिकार्ड की गई। जिसमें आरोपी राजस्व निरीक्षक 7 हजार रुपए में सीमांकन रिपोर्ट देने के लिए तैयार हो गया। लोकायुक्त के मुताबिक बुधवार की सुबह राजस्व निरीक्षक ने अपने तहसील परिसर स्थित आवास पर किसान को रकम के साथ बुलाया। जैसे ही किसान ने राजस्व निरीक्षक को 7 हजार रुपए थमाए वैसे ही लोकायुक्त टीम ने उन्हें रंगे हाथों दबोच लिया। लोकायुक्त ने राजस्व निरीक्षक के हाथ धुलवाए जिसमें नोटों पर लगा रंग पानी के साथ सबूत के तौर पर निकला। लोकायुक्त द्वारा आगे की कार्रवाई की जा रही है।

पूर्व में ले चुका था 8 हजार रुपए

लोकायुक्त के मुताबिक शिकायतकर्ता राजू सिंह राजावत पढ़ौरा गांव का निवासी है जो पूर्व सरपंच भी है। इन्होंने अपने खेत के सीमांकन को लेकर 15 मार्च को आवेदन दिया था। राजस्व निरीक्षक ने 8 हजार रुपए की रिश्वत लेकर खेत का सीमांकन किया था। सीमांकन रिपोर्ट को लेकर गत दो माह से शिकायतकर्ता तहसील के चक्कर काट रहा था। इस दौरान जब राजू की मुलाकात राजस्व निरीक्षक से हुई तो उन्होंने राजू से 10 हजार रुपए की डिमांड की और अंत में 7 हजार रुपए में इसका सौदा तय हुआ।

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