पुण्य प्राप्त करने को महीना है माघ, देवता भी मानव रूप धारण कर आते हैं प्रयागराज में स्नान करने...

पुण्य प्राप्त करने को महीना है माघ, देवता भी मानव रूप धारण कर आते हैं प्रयागराज में स्नान करने...रीवा। भगवान विष्णु ने गीता उपदेश में कहा था

Update: 2021-02-16 06:46 GMT

पुण्य प्राप्त करने को महीना है माघ, देवता भी मानव रूप धारण कर आते हैं प्रयागराज में स्नान करने…

रीवा। भगवान विष्णु ने गीता उपदेश में कहा था कि वह वृक्षों में पीपल है तो 12 मासों में माघ मास हैं। भगवान के इस कथन से माघ मास का महत्व बढ़ जाता हैं। वैसे यह भी मान्यता है कि माघ मास में स्वर्ग से सभी देवी देवता त्रिवेणी में स्नान कर पुण्य लाभ लेने मानव रूप में आते हैं। इसीलिए कहा गया है कि हर मानव तन पाने वाले मनुष्य को माघ मास में गंगा, यमुना तथा सरस्वती के संगम स्थल त्रिवेणी में स्नान कर पुण्य लेना चाहिए। वही माघ मास में दान करना सर्वेातम माना गया है।

UP : थाने के अंदर प्रेमी सिपाही ने महिला सिपाही को मारी गोली..

वैसे तो पूरे माघ मास प्रयागराज में निवास कर वहां स्नान करने का बड़ा ही महत्व है। माघ मास में कई महत्वपूर्ण स्नान बताए गये है। माघ पूर्णिमा से शुरू हो जाता है। इस दिन त्रिवेणी संगम में स्नान का अपना अलग ही महत्व है। वही माघी अमावस्या स्नान को भी उत्तम बताया गया है। अमावस्या के दिन गांगा में स्नान तथा दान का बहुत महत्व होता है। इसके बाद बसंत पंचमी पर गंगा स्नान तथा सप्तमी जिसे अंचला सप्तमी भी कहा जाता है।

माघ मास में प्रयागराज में कल्पवास का का विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि माघ मास में प्रतिदिन त्रिवेणी मे स्नान, मां गंगा का ध्यान, तथा दान का बहुत ही महत्व है। कल्पवास एक माह का होता है। पूरे माघ मास में लेाग अपना पूरा समय भगवत भजन में लगाते हैं।

आज भी त्रिवेणी प्रयागराज में माघ मास में हर वर्ष विशाल मेंला लगता है। देश क्या विदेशों से भी लोग यहा स्नान कर पुण्य लाभ लेने आते हैं। माना जाता है कि माघ मास के कल्पवास से मानव की काया का भी कायाकल्प हो जाता है। शरीर कई रोगांे तथा व्याधियों से मुक्त हो जाता है।

अवैध डीजल लोड टैंकर पकड़ाया, यूपी से लाकर एमपी कर रहे गोरखधंधा

मुरादाबाद-आगरा हाइवे पर भीषण हादसा: ट्रक और टैंकर से टकराई मिनी बस, 10 की मौत, कई घायल..

यहाँ क्लिक कर RewaRiyasat.Com Official Facebook Page Like

Similar News