एमपी सागर का बेटा जापान के टोक्यो में दिखाएगा अपना हुनर, 2 इंटरनेशनल और 8 नेशनल गोल्ड मेडल जीत कूडो वर्ल्ड कप के लिए हुआ चयन
MP News: एमपी सागर में किसान के बेटे का चयन कूडो वर्ल्ड कप के लिए हुआ है। जो जापान के टोक्यो में होने वाले वर्ल्ड कप में अपना हुनर दिखाएगा।
एमपी सागर में किसान के बेटे का चयन कूडो वर्ल्ड कप के लिए हुआ है। जो जापान के टोक्यो में होने वाले वर्ल्ड कप में अपना हुनर दिखाएगा। कूडो इंटरनेशनल फेडरेशन इंडिया द्वारा 9 मई से 16 मई तक कूडो वर्ल्ड कप का आयोजन जापान के टोक्यो में किया जा रहा है। किसान के बेटे ने 6 वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद कूडो वर्ल्ड कप में अपनी जगह बनाई है।
सागर के शैलेन्द्र का कूडो वर्ल्ड कप में सिलेक्शन
जापान के टोक्यो में मई माह में कूडो वर्ल्ड कप का आयोजन होने जा रहा है। जिसमें एमपी सागर के बेटे शैलेन्द्र सिंह कुर्मी का सिलेक्शन किया गया है। कूडो में वह भी अपना हुनर दिखाएंगे। शैलेन्द्र अब वर्ल्ड कप विजेता बनने का सपना देख रहे हैं किंतु इस सपने को पूरा करने के लिए उनके साथ आर्थिक तंगी रोड़ा बन रही है। इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए 3 लाख रुपए की आवश्यकता है। चयन होने के बाद वह परिवार की मदद से अब तक एक लाख रुपए ही जमा कर सके हैं। उन्हें दो लाख रुपयों की और जरूरत है। जिसके लिए वह जनप्रतिनिधियों के भी चक्कर लगाए किंतु उन्हें केवल आश्वासन ही मिल सका है। यदि पैसों की व्यवस्था नहीं हो पाई तो उनका वर्ल्ड कप खेलने का सपना अधूरा ही रह सकता है।
इंटरनेशनल व नेशनल में जीत गोल्ड मेडल
शैलेन्द्र सिंह के मुताबिक अब तक वह 2 इंटरनेशनल और 8 नेशनल कूडो टूर्नामेंट्स में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। इसके साथ ही जिला और लोक स्तर पर भी टूर्नामेंट में कई मेडल हासिल कर चुके हैं। पिछले वर्ष 2022 में मुंबई में आयोजित कूडो इंटरनेशनल टूर्नामेंट में भी उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया था। 2 इंटरनेशनल और 8 नेशनल गोल्ड मेडल जीतने के बाद उन्हें कूडो वर्ल्ड कप में हुनर दिखाने का अवसर मिला है। 21 वर्षीय शैलेन्द्र के मुताबिक वह कक्षा 9वीं में पढ़ाई कर रहा था उसी दौरान प्रैक्टिस के रूप में कूडो खेलना प्रारंभ किया, जिसमें धीरे-धीरे उनकी रुचि बढ़ती गई और 6 सालों से मेहनत कर कूडो वर्ल्ड कप तक पहुंच गया हूं। अब उनका लक्ष्य वर्ल्ड कप में जीतना है। शैलेन्द्र का परिवार राहतगढ़ ब्लाक के ग्राम भैंसा भीष्मनगर में रहता है। उनके पिता किसान हैं। फसलों पर ओलावृष्टि की मार और आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वर्ल्ड कप में खेलने के लिए उन्हें आर्थिक मदद की दरकार है।