मध्यप्रदेश: सागर युनिवर्सिटी में मुस्लिम लड़की ने की इबादत, हिन्दू संगठनों ने बखेड़ा खड़ा कर दिया
Madhya Pradesh: देश में हिन्दू-मुस्लिम के बीच की तकरार बढ़ती जा रही है. यह दुःखी कर देता है
Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के सागर में अब हिन्दू-मुस्लिम का नया बखेड़ा खड़ा हो गया है. एक मुस्लिम छात्रा का हिजाब पहनकर युनिवर्सिटी की क्लासरूम के अंदर इबादत करने का एक वीडियो वायरल हुआ है. जिसके बाद हिन्दू संगठनों ने बवाल काट दिया है। देश में हिन्दू-मुस्लिम के बीच तकरार बढ़ती जा रही है. इससे पहले केरल में हिजाब वाला मामला थमा नहीं था कि अब शांतिप्रिय राज्य मध्य प्रदेश में भी यह सब ड्रामा शुरू हो गया है।
पूरा मामला क्या है
सागर के डॉ. हरी सिंह गौर केंद्रीय विश्विद्यालय में एक मुस्लिम लड़की के नमाज़ पढ़ने से विवाद मच गया है. फ़ाइनल ईयर की छात्रा ने क्लासरूम के अंदर बाकायदा हिजाब पहनकर इबादत की है और इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है. वीडियो अपलोड होने के बाद हिन्दू संगठनों ने इसपर आपत्ति जताई है. संगठन के लोगों का कहना है कि कॉलेज पढाई के लिए होता है न कि नमाज पढ़ने के लिए। हालांकि इसके बाद हिन्दू संगठनों ने खुद कॉलेज के मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ किया।
वहीं कॉलेज के छात्रों द्वारा परिसर में खूब नारेबाजी भी की गई और कार्रवाई करने के लिए कहा. इसके बाद युनिवेर्सिटी मैनेजमेंट ने जाँच के लिए 3 सदस्यीय टीम बनाकर 3 दिन के अंदर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
क्लासरूम में नमाज क्यों पढ़ी?
हिन्दू संगठन का कहना है कि आखिर कॉलेज में नमाज पढ़कर छात्र क्या साबित करना चाहती है? बता दें की जिस लड़की ने क्लासरूम में ऐसी हरकत की है वो दमोह जिले की रहने वाली है और एजुकेशन विभाग से BSC.बी.ed की पढाई करती है. शनिवार को विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्त्ता भी कॉलेज में पहुंचे थे और प्रबंधन से जांच कराने की मांग की है। कॉलेज में नमाज का विरोध करने वाले हिन्दू परिषद के लोगों ने बाद में फिर खुद कैंपस के अंदर हनुमान चालीसा का पाठ किया है।
आरोप लगाए जा रहे हैं कि सागर विश्विद्यालय को JNU बनाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। और संसथान के कुछ प्रोफेसर भी इसमें शामिल है। कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता का कहना है कि- संसथान में ऐसी गतिविधियों के लिए कोई स्थान नहीं है और छात्रों-छात्राओं को अपने निजी काम घर से करके आने चाहिए, क्योंकी विश्वविद्यालय पढ़ने-लिखने के लिए होता है. इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है।