पन्ना टाइगर रिजर्व में बफर का सफर पर्यटकों को कर रहा रोमांचित
पन्ना। प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप शुरू की गई बफर में सफर की पहल से पन्ना टाइगर रिजर्व में आकर्षण बढ़ गया है। पन्ना टाइगर रिजर्व के अकोला बफर में सुगमता के साथ पर्यटकों को बाघों की चहलकदमी रोमांचित रही है। इस क्षेत्र में पर्यटकों की भीड़ बढ़ने लगी है। अकोला बफर के रोमांचकारी सफर में झाड़ियों के नीचे आराम फरमाते वनराज व नन्हे शावकों के साथ अठखेलियां करते देखा जा सकता है। बफर में सफर योजना की कामयाबी तथा पर्यटकों के बढ़ते रुझान को देखकर पार्क प्रबंधन अकोला बफर की तर्ज पर बफर क्षेत्र के अन्य दूसरे इलाकों को भी विकसित योजना बना रहा है।
पन्ना। प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप शुरू की गई बफर में सफर की पहल से पन्ना टाइगर रिजर्व में आकर्षण बढ़ गया है। पन्ना टाइगर रिजर्व के अकोला बफर में सुगमता के साथ पर्यटकों को बाघों की चहलकदमी रोमांचित रही है। इस क्षेत्र में पर्यटकों की भीड़ बढ़ने लगी है। अकोला बफर के रोमांचकारी सफर में झाड़ियों के नीचे आराम फरमाते वनराज व नन्हे शावकों के साथ अठखेलियां करते देखा जा सकता है। बफर में सफर योजना की कामयाबी तथा पर्यटकों के बढ़ते रुझान को देखकर पार्क प्रबंधन अकोला बफर की तर्ज पर बफर क्षेत्र के अन्य दूसरे इलाकों को भी विकसित योजना बना रहा है।
नन्हे शावक आकर्षण का केंद्र
पन्ना टाइगर रिजर्व के अकोला बफर का आकर्षण बाघिन पी.234 तथा उसका भरा.पूरा कुनबा है। मालूम हो कि पन्ना टाइगर रिजर्व की संस्थापक बाघिन टी.2 जिसे मार्च 2009 में कान्हा से पन्ना लाया गया था। इस बाघिन ने जुलाई 2013 में चार शावकों को जन्म दिया था। इन्हीं शावकों में से एक बाघिन पी.234 है। जिसके कुनबे ने अकोला बफर को गुलजार किया हुआ है। इस बाघिन ने नर बाघ टी.7 के साथ मिलकर अपने कुनबे को बढाया है। इसी बाघिन की बेटी पी.234 ;23द्ध ने अकोला बफर क्षेत्र में ही तीन शावकों को जन्म दिया हैए जो 3 माह के हो चुके हैं और अपनी मां के साथ जंगल में विचरण कर शिकार करने के गुर सीखने लगे हैं। ये नन्हें शावक भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं। वनराज की एक झलक पाने के लिए लोग सैकड़ों किलोमीटर दूर से देश व प्रदेश में स्थित विभिन्न टाइगर रिजर्वों के भ्रमण हेतु आते हैं और इसके लिए हजारों रुपए भी खर्च करते हैं लेकिन पन्ना जिले के लोगों का यह सौभाग्य है कि उन्हें सडक मार्ग पर ही चहल कदमी करते वनराज सहित अन्य वन्य प्राणियों के दीदार हो जाते हैं। पन्ना. अमानगंज मार्ग पर अक्सर इस तरह के नजारे देखने को मिलते हैं। कई बार तो वनराज सडक किनारे ही बैठकर आराम फरमाते नजर आते हैं।
नाइट सफारी में पर्यटकों ने देखा बाघ
अकोला बफर में बीते 5 मार्च शुक्रवार को भी पर्यटकों ने नाइट सफारी में शाम 7 बजे के लगभग बाघिन पी.234 के युवा नर शावक को बेहद करीब से लेंटाना की झाडी के नीचे आराम फरमाते हुए देखा। नाइट सफारी में पर्यटकों के वाहनों की रोशनी पडने पर यह बाघ शावक पूरे राजसी अंदाज में आहिस्ते से उठते हुए मार्ग पर खडे वाहनों पर नजर डालते हुए जंगल में ओझल हो जाते हैं।