एमपी के मुरैना में मजदूरों के फिंगर प्रिंट कॉपी कर खातों से उड़ाए जा रहे थे रुपए, एक गिरफ्तार

मजदूरों के फिंगर प्रिंट कॉपी कर उनके खातों से पैसों उड़ाए जाने का मामला प्रकाश में आया है। शिकायत के बाद पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।

Update: 2022-12-05 09:36 GMT

मजदूरों के फिंगर प्रिंट कॉपी कर उनके खातों से पैसों उड़ाए जाने का मामला प्रकाश में आया है। शिकायत के बाद पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है जिससे पुलिस द्वारा पूछताछ की जा रही है। वहीं इस खेल में और लोगों के भी संलिप्त होने की आशंका जाहिर की है। पंचायतों के सरपंच से लेकर पंचायत सचिव तक के इसमें लिप्त होने की संभावना है। मामला मुरैना जिले का है।

140 लोगों के फिंगर प्रिंट की कॉपी मिली

मुरैना की रामपुर थाना पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को हिरासत में लिया है जो गांव-गांव जाकर अपने आपको कियोस्क सेंटर का संचालक बताता है। उसके द्वारा लोगों के पैसे निकलवाने का काम किया जाता है। जब पुलिस ने उसके बैग की तलाशी ली तो 140 लोगों के फिंगर प्रिंट की कॉपी सहित 500 लोगों के अन्य कागजात भी बरामद हुए। पुलिस द्वारा जब युवक से पूछताछ की गई तो उसने मामले का खुलासा किया। पहाड़गढ़ निवासी शैलेन्द्र धाकड़ 23 वर्ष ने पुलिस को बताया कि मजदूरों के फिंगर प्रिंट को कॉपी कर लिया है और उसके माध्यम से मजदूरों के खाते में सरकार द्वारा भेजी जाने वाली रकम को निकाल लिया जाता है। इतना ही नहीं काम भी मजदूरों से न कराकर जेसीबी से कराया जाता है।

ऐसे हुआ मामले का खुलासा

गांव-गांव घूमकर एक व्यक्ति द्वारा खुद को कियोस्क संचालक बताना और लोगों से पैसे निकलवाने की बात करने की जानकारी रामपुर थाना पुलिस को लगी। जिस पर पुलिस ने संदिग्ध को पकड़ लिया। जिसके बाद से कियोस्क मशीन के साथ ही ग्लूगन व विशेष प्रकार की ग्लू-रॉड मिली। उसके पास से बड़ी संख्या में सिमकार्ड सहित महिला व पुरुषों के फोटो भी पाए गए। उसके द्वारा एक कॉपी में कई लोगों के आधार नंबर भी लिखे गए थे जिसे भी पुलिस ने बरामद किया। आरोपी द्वारा पुलिस को बताया गया कि सरपंचों के बुलाने पर वह कई पंचायतों में जाता था। तब सरपंच उसे गरीबों के नाम व आधार नंबर उपलब्ध करा देते थे। वह संबंधितों को बुलाकर उनके थंब का स्क्रीन पर प्रिंट लेता था और इसी दौरान वह कॉपी कर उसे रख भी लेता था। इतना ही नहीं उसके पास मौजूद मजदूरों के आधा नंबर व फिंगर प्रिंट की कॉपी से वह उनके नाम पर सिम भी खरीद लेता था। जिसके जरिए वह मनरेगा के खाता खोल लेता था और उसमें मजदूरों के नाम से खरीदे गए सिम का नंबर डाल देता था। इसके बाद जब मनरेगा का पैसा मजदूरों के खाते में आता तो उसे कॉपी किए गए फिंगर प्रिंट व खरीदे गए सिम नंबर के आधार पर ओटीपी दर्ज कर निकाल लेता था।

कई सरपंच व सचिव तक शामिल

पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को यह भी बताया कि उसके द्वारा कई सरपंचों और पंचायत सचिवों के कहने पर मनरेगा का पैसा निकालकर भी दिया गया है। पुलिस की मानें तो मनरेगा व गरीबों के पैसे गलत तरीके से उनके खातों से उड़ाने में जिन पंचायत सरपंच व सचिवों के कहने पर उसने ऐसा किया है उसके नाम पुलिस को युवक ने बता भी दिए हैं। जल्द ही पुलिस सरपंच व सचिवों से पूछताछ कर मामले में बड़ा खुलासा करने की तैयारी में है। इस संबंध में मुरैना के रामपुर थाना प्रभारी पवन भदौरिया का कहना है कि आरोपी ने कई सरपंच व सचिवों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई है जो इस काम में संलिप्त हैं। मामले की छानबीन कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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