एमपी मुरैना के चंबल नदी में अटार घाट पर पुल बनकर तैयार, जयपुर की घट जाएगी 146 किलोमीटर की दूरी
मुरैना की चंबल नदी पर तीन बड़े पुलों का निर्माण कार्य चल रहा है। जिसमें से सबलगढ़ क्षेत्र के अटार घाट के पुल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है।
मुरैना की चंबल नदी पर तीन बड़े पुलों का निर्माण कार्य चल रहा है। जिसमें से सबलगढ़ क्षेत्र के अटार घाट के पुल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। पुल को आवागमन के लिए फरवरी में खोल दिया जाएगा। इस पुल के बन जाने से राजस्थान के जयपुर, कोटा आदि शहरों की दूरी भी घट जाएगी।
1150 मीटर लम्बा है पुल
राजस्थान सरकार ने सबलगढ़ क्षेत्र में चंबल नदी के अटार-मण्डरायल घाट पर पुल निर्माण की स्वीकृति वर्ष 2018 में दी थी। 1150 मीटर लम्बाई के इस पुल को बनाने में 121.97 करोड़ रुपए लागत आई। 24 पिलरों पर इस पुल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है। वहीं सीसी रोड, रेलिंग से लेकर फिनिशिंग का कार्य भी पूर्ण हो चुका है। सूत्रों की मानें तो पहले पुल को जनवरी माह में प्रारंभ किया जाना था किंतु ठण्ड के कारण पुल के दोनों तरफ डामर की एप्रोच रोड का कार्य पूरा नहीं हो पाया है। कुछ ही दिनों में यह कार्य भी पूर्ण कर लिया जाएगा। जिसके बाद इसे जनता को समर्पित कर दिया जाएगा। इसके अलावा कैलारस क्षेत्र में सेवर घाट और अंबाह क्षेत्र के उसैद घाट पर भी पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है।
370 से घटकर 225 किमी हो जाएगा जयपुर का सफर
राजस्थान ब्रिज कार्पोरेशन द्वारा पुल का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। कार्पोरेशन के इंजीनियरों की मानें तो फरवरी माह में पुल को आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा। वर्तमान में जयपुर जाने के लिए 370 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। इस पुल के बन जाने से सबलगढ़, कैलारस व विजयपुर क्षेत्र से जयपुर की दूरी 225 किलोमीटर हो जाएगी। अटार घाट पुल बनने से जयपुर की दूरी 145 किलोमीटर कम हो जाएगी। जबकि राजस्थान के करौली की दूरी 150 किलोमीटर हो जाएगी। यह दूरी वर्तमान समय में मुरैना, बाड़ी, बसेड़ी होकर 210 किलोमीटर से ज्यादा तय करना पड़ता है।
साल के अंत तक बन जाएगा सेवर घाट पुल
चंबल नदी में सेवर घाट पर पुराने पुल के पास ही नए पुल का निर्माण भी करवाया जा रहा है। अप्रैल 2022 में इस पुल का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ। निर्माण का जिम्मा गुजरात की कंपनी को दिया गया है। 720 मीटर लंबाई एवं 25 मीटर ऊंचाई वाले इस पुल का निर्माण कार्य 30 फीसदी से ज्यादा पूर्ण भी कर लिया गया है। वर्ष के अंत नवंबर-दिसम्बर माह तक इस पुल का निर्माण कार्य भी पूरा होने की उम्मीद जताई गई है। इस पुल के बन जाने से भरतपुर, उत्तरप्रदेश के मथुरा आदि शहरों की भी दूरी 60 से 90 किलोमीटर तक घट जाएगी।