KATNI : ग्रामीणों ने वैक्सीनेशन टीम को बैरंग लौटाया, कहा हम बीमार नहीं
कटनी। जिले के विकासखंड ढीमरखेड़ा बिचुआ गांव के लोगों ने कोरोना से बचाव के लगाई जा रही वैक्सीन का विरोध किया है। ग्रामीणों ने कहा है कि वे बीमार नहीं हैं और न ही उन्हें वैक्सीन टीका की जरूरत है। जब बीमार होंगे तो लगवाएंगे टीका। इस गांव में लगभग 1200 ग्रामीणों की आबादी है। जो स्वास्थ्य विभाग की वापस लौटा दिया जबकि टीम के द्वारा उन्हें समझाइस दी जाती रही।
कटनी। जिले के विकासखंड ढीमरखेड़ा बिचुआ गांव के लोगों ने कोरोना से बचाव के लगाई जा रही वैक्सीन का विरोध किया है। ग्रामीणों ने कहा है कि वे बीमार नहीं हैं और न ही उन्हें वैक्सीन टीका की जरूरत है। जब बीमार होंगे तो लगवाएंगे टीका। इस गांव में लगभग 1200 ग्रामीणों की आबादी है। जो स्वास्थ्य विभाग की वापस लौटा दिया जबकि टीम के द्वारा उन्हें समझाइस दी जाती रही।
आपको बता दें कि शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम एएनएम, नर्स, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता टीकाकरण के लिए बिचुआ गांव पहुंचे थे। जहां गांव की महिला एवं पुरुषों ने टीका लगवाने से सीधे इंकार कर दिया। स्वास्थ्य टीम द्वारा ग्रामीणों टीका लगवाने के फायदे बताते हुए समझाइस दी गई लेकिन ग्रामीण कुछ सुनने को तैयार नहीं थे।
ग्रामीणाों ने कहा टीका के बहाने कोरोना न फैलाएं
ग्रामीणों ने यहां तक कहा कि न तो गांव में कोरोना है और न ही अभी तक कोई बीमार हुआ है। गांव के प्रतिपाल सिंह ने कहा कि टीकाकरण करने वाली टीम ही कोरोना फैला रही है। जैसे ही लोगों को टीका लगता है वह बिस्तर में पड़ जाता है। कृपया यहां कोरोना लेकर न आएं। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य से कहा कि आप जिम्मेदारी लें कि टीका लगने के बाद कोई बीमार नहीं पड़ेगा जब वह टीका लगवाएंगे। काफी देर तक चले विवाद के बाद स्वास्थ्य टीम बिना टीका लगाए ही वापस लौट गई।
समझाइस के बाद भी नहीं माने
ब्लाक कोआर्डिनेटर ढीमरखेड़ा दीपक रहंगडाले ने बताया कि ग्रामीणों का कहना है कि टीका लगवाने से बुखार आता है। हम लोग कोई टीका नहीं लगवाएंगे। काफी समझाइस के बाद भी ग्रामीण नहीं और वैक्सीनेशन टीम को वापस लौटना पड़ा। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि गांवों में कोराना आप लोग लेकर आते हैं।