धावक के घर की महज शोभा बढ़ा रहे है मैडल, खाली है घर के राशन डिब्बे
हवा की गति से दौड़ने वाले धावक कार्तिक जोशी भी कोरोना के चलते आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे है। अपनी तेज दौड़ के चलते इंदौरी मिल्खा सिंह के
धावक के घर की महज शोभा बढ़ा रहे है मैडल, खाली है घर के राशन डिब्बे
इदौर। हवा की गति से दौड़ने वाले धावक कार्तिक जोशी भी कोरोना के चलते आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे है। अपनी तेज दौड़ के चलते इंदौरी मिल्खा सिंह के नाम से भी उन्होने अपनी पहचान बनाई है। अपने परिश्रम से उन्होने मैडल तो प्राप्त किए लेकिन वे मैडल धावक के घर की महज शोभा बढ़ा रहे है।
ऐसे हो रहा है गुजारा
बताते हैं एक कमरे में उनका 5 सदस्यीय परिवार गुजर-बसर कर रहा है। पिता चाय की दुकान चला कर अपने परिवार का पेट भरते थे, कोरोना के कारण वो दुकान भी बंद हो गई।
नही मिल रहा किसी तरह का सहयोग
कार्तिक का कहना है कि उसने प्रधानमंत्री से लेकर स्थानिय जनप्रतिनिधियो तक सबको पत्र लिखकर मदद मांग ली है, लेकिन अब तक कुछ भी मदद नहीं मिली है।
इस तरह के बनाए है रिकार्ड
मिल्का इंदौरी हवा की गति से धरती पर फर्राटे भरते हुए 39 घण्टे में 262 किमी दौड़ का कीर्तिमान बनाया है। कार्तिक 19 वर्ष की उम्र में हिंदुस्तान के 19 राज्यों की धरती पर अपने कदमों की छाप छोड़ चुका है. रेगिस्तान की गर्मी से लेकर उत्तराखंड की बर्फबारी तक में दौड़ लगाकर कार्तिक जोशी रिकॉर्ड बना चुका है.लेकिन कार्तिक और उसका परिवार इन दिनों समस्यो के बीच जीवन-बसर करने को मजबूर है।
उन्होने अपने नाम किए है ये रिकॉर्ड
उन्होने 39 घंटे में 262 किलोमीटर दौड़ के जीता गोल्डन, 17 घंटे में 114 किलोमीटर दौड़ कर बनाया देश में पहला स्थान और 21 घंटे में 141 किलोमीटर दौड़ लगाकर जीता गोल्ड मेडल।