Indore News : तीन तलाक मामले में महिला को न्याय, अमेरिका में रह रहे पति को देना होगा इतना भरण पोषण...
इंदौर / Indore News : तीन तलाक कानून के तहत महिला को न्याय मिला और अब महिला के पति को 35 हजार रूपये प्रति माह पत्नी को भरण पोषण
इंदौर / Indore News : तीन तलाक कानून के तहत महिला को न्याय मिला और अब महिला के पति को 35 हजार रूपये प्रति माह पत्नी को भरण पोषण देना होगा। यह फैसला इंदौर की कुटुम्ब न्यायालय ने सुनाया है। साथ ही अमेरिका में रह रहे महिला के पति को न्यायालय में 20 अप्रैल को प्रस्तुत होना होगा।
दो वर्ष पूर्व हुआ था निकाह
पीड़िता सलीना खान के अनुसार, उसका निकाह जीशान फैजल खान निवासी अमेरिका स्थित कैलिफोर्निया के साथ अगस्त 2018 में एबी रोड के छोटी खजानी मस्जिद में हुआ था। चूकि जीशान का परिवार एमपी के देवास में रहता है। निकाह भी रीति रिवाज के तहत इंदौर में हुआ था।
दहेज की कर रहा मांग
सलीना के अनुसार, निकाह के 10 दिन बाद ही ससुराल वालों ने 50 लाख की ऑडी कार की मांग करके प्रताड़ित करना शुरू कर दिये। जीशान निकाह के 25 दिन बाद अमेरिका चला गया, जबकि वीजा का बहाना बताकर सलीना को साथ नहीं ले गया। दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर वो अमेरिका से फोन लगाकर सलीना को गाली देता और अपमानित करता था।
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गोरी मेम का चक्कर
घर वालों के दबाब के बीच अमेरिका पहुची सलीना उस समय हैरान रह गई जब घर आई अमेरिकन महिला के साथ उसका पति चलाता बना। तब उसे पता चला कि दोनों के बीच अवैध संबंध है। इसके बाद दोनों के बीच बहस हुई और इसके 15 दिन बाद वह भारत लौट आई।
घर आकर कह दिया तीन बार तलाक
सलीना ने बताया कि जून 2019 में जीशान इंदौर आया और घर आकर साफ शब्दों में कहा कि उसने मुझसे जेवर और कार के लिए निकाह किया था। उसे मुझमें कोई रुचि नहीं है। इसी दौरान उसने तीन बार तलाक कहा और चलता बना।
तीन तलाक कानून आया काम
मामले में सलीना ने नए तीन तलाक कानून के तहत लसूड़िया थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने तलाक उलबिद्दत तथा मुस्लिम निकाह संरक्षण अधिनियम सहित दहेज प्रताड़ना, मारपीट, धमकी सहित अन्य कानून के तहत भी जीशान और उसके देवास निवासी परिजन के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज किया।
सलीना ने परिवार न्यायालय के समक्ष मेंटनेंस का दावा पेश किया, जिसमे एक साल बाद अधिवक्ता के माध्यम से पति जीशान ने उपस्थिति दर्ज करवाई। दूसरी पेशी पर अधिवक्ता ने अमेरिका के कैलिफोर्निया से कोरोना संक्रमण एवं वीजा प्राप्ति में समय लगने के आधार पर फिर पेशी अनुमति चाही और वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पति की उपस्थिति दर्ज करवाई।
35 हजार रूपये देना होगा प्रति माह भरण-पोषण
अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश प्राणेश कुमार प्राण ने दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता का प्रयास किये लेकिन बात नहीं बनी तो अंतरिम भरण पोषण देने का निर्देश दिया। जब तक वो खुद पेशी पर नहीं आ जाता, तब तक उसे 35 हजार रुपए प्रतिमाह अंतरिम भरण पोषण राशि सलीना को देनी होगी। इसके अलावा वर्ष 2019 से अब तक बकाया करीब 4 लाख से अधिक भरण पोषण राशि 6 किश्तों में अदा करने का भी निर्देश दिया गया है। न्यायाधीश प्राणेश कुमार ने महिला के पति जीशान को आदेश दिया कि वह आगामी 20 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित रहेगा। प्रकरण में सलीना खान की ओर से अधिवक्ता केपी माहेश्वरी, प्रतीक माहेश्वरी, सुरभि शिम्पी, अमृता सोनकर, अनुराग पाराशर और कविता सोलंकी ने पैरवी की।
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