राजपूत समाज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज को विरोध का करना पड़ा सामना, जानिए कारण...
राजपूत समाज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज को विरोध का करना पड़ा सामना, जानिए कारण...इंदौर। आरक्षण को लेकर एक बार;
राजपूत समाज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज को विरोध का करना पड़ा सामना, जानिए कारण…
इंदौर। आरक्षण को लेकर एक बार फिर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को विरोध का सामना करना पड़ा है। कार्यक्रम के बीच ही मौजदू महिला एंव पुरूषो ने नारेबाजी करते हुए सबाल किए कि उनके बच्चे नौकरी करने कहां जाए। उन्होने मांग की है कि आरक्षण को समाप्त किए जाए।
शस्त्र पूजन कार्यक्रम में पहुचे थें सीएम
चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को राजपूत समाज के शस्त्र पूजन कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। मुख्यमंत्री के संबोधन के अंत में अपने आपको कांग्रेस समर्थक बताते हुए कुछ लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी। यह लोग जातिगत आरक्षण को खत्म करने की मांग कर रहे थें।
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भाषण समाप्त होते ही हुआ हंगामा
यह हंगामा नक्षत्र गार्डन में उस समय हुआ जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राजपूताना संघ के कार्यक्रम को संबोधन दे रहे थे। जब उनका संबोधन खत्म हुआ तो कार्यक्रम में मौजूद कुछ महिला एवं पुरुष खड़े हो गए और जमकर नारेबाजी करने लगे।
कार्यक्रम के दौरान मनोहर रघुवंशी नामक एक व्यक्ति मुख्यमंत्री से बात करने के लिए मंच की और जैसे ही बढ़ा, सुरक्षाकर्मियों ने उसे रोक दिया। युवक का कहना था कि उपचुनाव में मुख्यमंत्री को हमारे वोट की चिंता सताती है, मैंने अपनी बात रखनी चाही तो उन लोगों ने मुझे बाहर निकालकर मुझे बाथरूम में बंद कर दिया।
दर्ज मुकदमें होगे वापस
अपने उद्रबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने संजय लीला भंसाली की विवादास्पद फिल्म पद्मावत को समाज के सम्मान पर आघात बताया और कहा कि इस फिल्म को मध्यप्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया गया था। चौहान न कहा कि फिल्म पद्मावती के विरोध करने वाले युवाओं ने अन्याय को लेकर आवाज उठाई थी। ऐसी स्थिति में युवाओं को दबाना सही नहीं है। चौहान ने कहा कि पद्मावती फिल्म के दौरान प्रदर्शन के करणी सेना के युवाओं पर दर्ज मुकदमे वापिस लिए जाएंगे।
रानी के शौर्य को पढ़ेगे बच्चे
चौहान ने कहा कि रानी पद्मावती की स्मृति में भोपाल के मनुआभान टेकरी पर आरक्षित जमीन पर भव्य स्मारक बनाया जाएगा। रानी पद्मावती की जीवनी को प्रदेश सरकार स्कूल के पाठ्यक्रम में भी शामिल उनके शौर्य गाथा को सिलेबस में शामिल किया जाएगा।
दो लाख का दिए जाएगा पुरस्कार
सीएम ने कहां कि शौर्य के क्षेत्र में काम करने वालो को हर वर्ष महाराणा प्रताप और पद्मिनी पुरस्कार दिया जाएगा, जिसमें रुपया राशि लगभग 2 लाख के करीब होगा।
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