छोटे बच्चों को नहीं पिलाना चाहिए कच्चा दूध, हो सकते हैं कई तरह के नुकसान
वैसे तो गाय के दूध को अमृत के समान बताया गया है। लेकिन इस अमृत समान कच्चे दूध को बच्चों को पिलाने से पहले परहेज किया जाता है। डॉक्टरों को कहते सुना होगा कि बच्चों को दूध उबाल कर ही पिलाना चाहिए।
वैसे तो गाय के दूध को अमृत के समान बताया गया है। लेकिन इस अमृत समान कच्चे दूध को बच्चों को पिलाने से पहले परहेज किया जाता है। डॉक्टरों को कहते सुना होगा कि बच्चों को दूध उबाल कर ही पिलाना चाहिए। खासकर नवजात शिशुओं को। ऐसे में सवाल उठता है कि जब दूध अमृत समान है तो आखिर इसे सीधे पिलाने के बजाय पहले दूध को उबाला क्यों जाता है। वही कई जगह तो आज भी उम्र दराज लोग गाय का कच्चा दूध पीना ही पसंद करते हैं। आइए जाने दूध के संबंध में सारी जानकारी।
भारी होता है कच्चा दूध
आयुर्वेद के जानकारों का कहना है कि कच्चा दूध भारी होता है। यह सरल तरीके से नहीं पचता। साथ ही कच्चे दूध में कफ बढ़ा देने की क्षमता होती है। ऐसे में शरीर की प्रक्रिया परिवर्तित हो जाती है। इसीलिए नवजात शिशु को गाय का कच्चा दूध पिलाने से मना किया गया है।
गाय के दूध को उबालने के पीछे एक और कारण सामने आता है। बताया गया है कि गाय के दूध में लेट्रिक एसिड पाया जाता है जो दूध को दही में परिवर्तित करने में सहायक होता है। लेकिन जब दूध को गर्म कर दिया जाता है लैट्रिक एसिड का प्रभाव कम हो जाता है और वह फटता नहीं है।
दूध वाले ऐसे बचाते हैं दूध
गर्मी के दिनों में तापमान अधिक हो जाने से कई बार दूधवाले दूध पहुंचाने में देरी कर देते हैं। लेकिन वह अपने दूध को बचाने के लिए उसमें मीठा सोडा मिला देते हैं। जिससे दूध फटता नहीं है।
अमृत समान है गाय का दूध
आयुर्वेद में गाय के दूध को अमृत के समान बताया गया है। गाय के दूध में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को पुष्ट करने में सहायक है। कई नस्ल की गायों के दूध में तो स्वर्ण जैसे तत्व पाए गए हैं। जिनका सेवन करने से व्यक्ति का शरीर बलिष्ठ होता है। हर उम्र के बच्चों बुजुर्गों को गाय के दूध का सेवन करना लाभप्रद बताया गया है।
नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।