RT-PCR और CT-Scan तो आपने बहुत सुना होगा, अब जानिए क्या है CRP Test और क्यों है यह कोरोना संक्रमितों के लिए जरूरी...
RT-PCR, Antigen, CT-Scan आदि के बारे में तो आपने बहुत सुना होगा. लेकिन एक टेस्ट और भी है, जिसके जरिए एक्यूट इन्फ्लमेशन के बारे में पता लगाया जा सकता है. इसे CRP (C-reactive protein) Test कहा जाता है.
कोरोना होने के लक्षण और उसकी गंभीरता की स्थिति जानने के लिए कई तरह के टेस्ट कराए जाते हैं. जिनमें से RT-PCR, Antigen, CT-Scan आदि के बारे में तो आपने बहुत सुना होगा. लेकिन एक टेस्ट और भी है, जिसके जरिए एक्यूट इन्फ्लमेशन के बारे में पता लगाया जा सकता है. इसे CRP (C-reactive protein) Test कहा जाता है.
CRP (सी-रिएक्टिव प्रोटीन) टेस्ट ब्लड टेस्ट की तरह ही होता है. इसके जरिए एक्यूट इन्फ्लमेशन के बारे में जाना जा सका है. जिससे फेफड़ों में हुई क्षति और बीमारी की गंभीरता का पता चलता है.
माना जाता है कोरोना (COVID-19) का समय रहते ध्यान न देने पर मरीजों की स्थिति गंभीर हो जाती है. इस वजह से दुनियाभर में कई लोगों के परिवार में कोई न कोई सदस्य अकाल मृत्यु का शिकार हो रहा है. कोरोना काल में यह सीआरपी टेस्ट बहुत अहम माना गया है. क्योंकि समय रहते अगर आप इसके जरिए बीमारी की गंभीरता के बारे में पता लगा सकते हैं.
क्या है CRP Test
सीआरपी टेस्ट को सी-रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट भी कहा जाता है. इसके जरिए एक्यूट इन्फ्लमेशन के बारे में जाना जा सका है. सीआरपी के लेवल से फेफड़ों में हुई क्षति और बीमारी की गंभीरता का पता चलता है. कोरोना के संक्रमण के बारे में जानने के लिए यह टेस्ट करवाया जाता है. इस टेस्ट के जरिए डॉक्टर्स समझते हैं कि शरीर में संक्रमण किस स्तर तक फैला है.
कब करवाना चाहिए सीआरपी टेस्ट
चिकित्सकों के अनुसार कोरोना संक्रमित होने के 4 से 5 दिन के अंदर सीआरपी टेस्ट करवा लेना चाहिए. इस टेस्ट के जरिए बिना सीटी स्कैन करवाए इन्फेक्शन के बारे में पता चलता है.
कम उम्र के लोगों के लिए जरूरी नहीं है यह टेस्ट
वहीं, कम उम्र के लोगों के लिए यह टेस्ट करवाना जरूरी नहीं है. डॉक्टरों का मानना है कि यदि लंबे समय तक खांसी बुखार की समस्या बनी रहती है तो ये टेस्ट करवा लेना चाहिए. लेकिन टेस्ट करवाने के पहले डॉक्टरों की सलाह अवश्य लें.