शरीर में दिखे यह लक्षण तो समझ लें खराब हो रहा लीवर, इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
Liver Damage Symtoms: लीवर हमारे शरीर का बहुत महत्वपूर्ण अंग है। लिवर अगर डैमेज हो जाए तो शरीर का संचालन बाधित हो जाता है।
Liver Damage Symtoms: लीवर हमारे शरीर का बहुत महत्वपूर्ण अंग है। लिवर अगर डैमेज हो जाए तो शरीर का संचालन बाधित हो जाता है। लेकिन कई बार हम अपने इस महत्वपूर्ण अंग के साथ अन्याय करते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप लिवर डैमेज हो जाता है। लेकिन डैमेज होते समय लिवर कुछ लक्षण अवश्य देता है। इन्हें पहचान कर हमें सतर्क हो जाना चाहिए कि लीवर कमजोर हो रहा है। लीवर कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण शराब का सेवन और लगातार फास्ट फूड और तला भोजन है।
शराब का सेवन नुकसानदेह
अगर आप शराब का सेवन करने के आदी हो चुके हैं। तो शराब आपके लीवर को अवश्य नुकसान पहुंचाएगा। ऐसे में आवश्यक है कि हम लीवर के कुछ लक्षणों पर ध्यान दें। बताया गया है कि अत्याधिक शराब का सेवन करने वाले का लीवर जब खराब होने लगता है तो लीवर में सूजन आ जाता है। उस समय पेट के दाहिनी ओर के हिस्से में हल्का हल्का दर्द होता है। थकान के साथ ही वजन का कम होना भूख का कम लगना तथा उल्टी का एहसास होना प्राथमिक लक्षण है।
तीन तरह की होती है समस्या
मुख्य तौर पर शराब के सेवन से लिवर में 3 तरह की समस्याएं आती हैं। इसमें एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज। इसके तहत लीवर में शराब का सेवन करने की वजह से फैट इकट्ठा होने लगता है। यह वैसे तो यह सामान्य व्यक्तियों के साथ होता है। लेकिन जब लीवर बराबर काम करता है उस समय लिवर फैट की परत को तोड़कर बाहर कर देता है। लेकिन लगातार शराब पीने की वजह से वह प्रक्रिया पूर्ण नहीं होती। अगर शराब का सेवन रोक दिया जाए तो इस समस्या से अपने आप मुक्ति मिल जाती है।
एल्कोहलिक हेपिटाइटिस
लगातार शराब का अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो लीवर में सूजन बढ़ने लगता है जिसे एल्कोहलिक हेपिटाइटिस की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इस समस्या के आने पर लिवर के क्षेत्र में दर्द, थकान, सूजन, भूख कम लगना उल्टी आना तथा पीलिया की समस्या आ जाती है। ऐसे में आवश्यक है कि जैसे ही यह लक्षण प्रतीत हो शराब का सेवन बंद कर दिया जाए।
एल्कोहलिक सिरोसिस
यह बीमारी भी शराब के सेवन की वजह से होती है। लिवर में पाए जाने वाले हेल्दी टिशू को डैमेज करने लगता है। इस बीमारी के होने पर ली ब्लड का प्रेशर बढ़ जाता है। ब्लड में फ्लुएड जमा होता है। ब्लड टॉक्सिन लेवल भी बढ़ जाता है।