H3N2 वायरस: मास्क पहनने की आदत फिर डाल लें, सैनेटाइजर इस्तेमाल नहीं किया तो फिर पहुंचेगे अस्पताल; अब कोरोना नहीं, ये वायरस परेशान कर रहा
उत्तर भारत में H3N2 वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहें हैं. IMCR के मुताबिक़ कुछ माह में कोविड के मामलों में कमी आई है लेकिन H3N2 के मामले बढ़ गए हैं. आइये जानते हैं क्या है H3N2 वायरस?
पिछले कुछ महीनों में कोरोना वायरस के मामलों में कमी दर्ज की गई है, लेकिन H3N2 वायरस के मामलों में इजाफा हुआ है, खासकर की भारत के उत्तरी क्षेत्रों में. सर्विलांस के डेटा की मानें तो, 15 दिसंबर के बाद H3N2 के मामले तेजी से बढ़ें हैं और होली के बाद और अधिक बढ़ने की संभावना है. इसलिए अगर आपने मास्क और सैनेटाइजर का इस्तेमाल बंद कर दिया है तो मास्क वापस लगाना शुरू कर दें और सैनेटाइजर का इस्तेमाल करें.
इस बारे में ICMR ने भी सचेत किया है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, सीवियर एक्यूट रेस्पेरिटी इन्फेक्शन (SARI) से पीड़ित आधे से ज्यादा लोगों में H3N2 वायरस मिला है. अब जानते हैं ये H3N2 वायरस है क्या?
H3N2 वायरस क्या है (What is H3N2 Virus)
एच3एन2 वायरस एक तरह का इन्फ्यूएंजा वायरस है, जिसे Influenza A VIRUS भी कहा जाता है. यह एक सांस से रिलेटेड वायरल इन्फेक्शन है, जो हर साल बीमारियों का कारण बनता आया है. इन्फ्लुएंजा ए वायरस का सबटाइप है, जिसकी खोज 1968 में हुई थी.
H3N2 वायरस के लक्षण (Symptoms of H3N2 virus)
एच3एन2 वायरस के लक्षण सीजनल कोल्ड और कफ की तरह होते हैं. इनमें खांसी, नाक बहना या नाक बंद होना, गले में खराश, सिरदर्द, बॉडी पैन, फीवर, ठंड लगना, थकान, सांस फूलना, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण हो सकते हैं.
H3N2 वायरस होने पर बुखार कितने दिनों में उतर जाता है?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) का मानना है कि इन्फेक्शन के लक्षण पाँच से सात दिनों तक शरीर में माजूद रह सकते हैं. एच3एन2 से होने वाला बुखार तीन दिनों में उतर जाता है, लेकिन खांसी और कफ कि समस्या हफ्ते से ज्यादा दिनों तक बनी रह सकती है.
कैसे पता चलेगा कि आपको H3N2 इंफ्लूएंजा हुआ है?
सिर्फ लक्षणों को देखकर यह कंफर्म नहीं किया जा सकता कि आपको H3N2 इंफ्लूएंजा हुआ है. इसकी पुष्टि के लिए ब्लड सैंपल और दूसरे कुछ टेस्ट लैब में किए जाते हैं, जो बता देते हैं कि आपको H3N2 हुआ है या कोई दूसरी बीमारी है.
H3N2 इंफ्लूएंजा ग्रसित मरीज को अस्पताल लेकर जाने की जरूरत है?
H3N2 इंफ्लूएंजा के ज़्यादातर मामले मेडिकल केयर और ओवर द काउंटर दवा खाकर ही ठीक हो जाते हैं. सिरदर्द और बुखार की दवा दुकानदार से लेकर खाने से नुकसान नहीं है. वहीं अगर आप एंटीबायोटिक बिना डॉक्टर की सलाह से खाते हैं तब खतरा ज्यादा है. कुछ मामलों में यह जानलेवा भी बन सकता है. लेकिन यह मरीज को देखकर उसकी सही जांच करने के बाद भी बताया जा सकता है.
अगर नीचे लिखे लक्षण दिखें तो बिना देर किए अस्पताल में मरीज को भर्ती कराएं...
- सांस लेने में तकलीफ होना
- ऑक्सीजन लेवल 93 से कम हो
- छाती और पेट में दर्द और दबाब महसूस होना
- बहुत ज्यादा उल्टी
- मरीज कंफ्यूज रहे या उसे भ्रम होने लगे
- मरीज के सिम्पटम्स में सुधार हो जाने के बाद बुखार और खांसी रिपीट होने लगे.
सर्दी-खांसी को ये लोग हल्के में न लें, H3N2 का हो सकता है रिस्क
- बुजुर्ग
- अस्थमा के मरीज
- दिल की बीमारी या उससे रिलेटेड प्रॉब्लम है
- किडनी प्रॉब्लम के मरीज
- प्रेग्नेंट महिला
- जिन लोगों की डायलिसिस चल रही है.
फिलहाल केस बढ़ रहे हैं इसलिए आज से ही ये प्रिकॉशन लें, कॉमनसेंस का इस्तेमाल करें..
- कोई भी सिम्टम्स दिखें तो उसे नजरअंदाज न करें.
- फ्लू शॉर्ट्स अमेरिका में लेने का ट्रेंड है. हमारे देश में भी यह अवेलेबल है लेकिन जानकारी के अभाव में हम लेते नहीं. इसे फौरन लें. खासकर अगर आपके घर में बुजुर्ग और बच्चे हैं तो उन्हें लगावाएं.
- जो गलती आपने कर दी उसे न दोहराएं, यानी भीड़ वाली जगह पर बिना मास्क न जाएं. पार्टी, वैगराह पर जाने से बचें.
H3N2 वायरस से बचने के लिए करें ये 6 उपाय
- अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन से धोते रहें.
- सेनिटाइजर साथ में रखें, और इसका इस्तेमाल करें.
- जो व्यक्ति बीमार है उसके कॉन्टैक्ट में आने से बचें.
- यदि आप छींक या खांस रहे हैं, अपना मुंह ढक लें क्योंकि वायरल इन्फेक्शन तेजी से फैलता है.
- आंखों और चेहरे को बार-बार छुने से बचें.
- भीड़ वाली जगह पर जा रहे हैं तो मास्क जरूर लगाएं.
H3N2 वायरस का इलाज क्या है?
- खुद को हाइड्रेट रखें, लिक्विड पीते रहें.
- बुखार, खांसी या सिरदर्द हने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें.
- इन्फ्लूएंजा वायरस से बचने के लिए फ्लू शॉट्स लें.
- बुखार, सर्दी-खांसी हाेने पर अपने मन से एंटीबायोटिक्स न लें.
- घर के बाहर मास्क लगाकर रखें, भीड़ वाली जगह से बचें.