Diabetes Myths: डायबिटीज से जुड़ी यें गलत धारणाएं कर सकतीं हैं आपकी सेहत पर बुरा असर
Diabetes Myths: आपके लिए डायबिटीज से जुड़े यह मिथ जानना बेहद जरूरी है।
Diabetes Myths in hindi (डायबिटीज को लेकर गलत धारणाएं) देश में पिछले एक दशक से डायबिटीज (diabetes) के मामले में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। डायबिटीज एक तरह की क्रॉनिक बीमारी है जिसमें हमारी ब्लड में शुगर की मात्रा काफी ज्यादा बढ़ जाती है। पूरी दुनिया में लगभग 422 मिलियन लोग डायबिटीज की बीमारी से पीड़ित है । डायबिटीज के प्रति जागरूकता के लिए हर साल 14 नवंबर "डायबिटीज दिवस" (world diabetes day) के रूप में भी मनाया जाता है। आज हम अपनी इस आर्टिकल में डायबिटीज से जुड़े कुछ मिथ (गलत धारणाओं) के बारे में आपको बताएंगे:
मिथ1: मधुमेह का खतरा सिर्फ बूढ़ों को होता है बच्चों और जवानों को नहीं
यह बात बिल्कुल गलत है। आपको बता दें कि अधिकतर टाइप-1 डायबिटीज बच्चों को होती है। इतना ही नहीं पिछले कुछ वर्षों में टाइप 2 डायबिटीज (Type two diabetes) का खतरा युवाओं में ज्यादा हो गया है। इसलिए हर उम्र वर्ग के लोगों को मधुमेह के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है।
मिथ2: मधुमेह के रोगियों को नहीं करना चाहिए कार्ब का सेवन
अधिकतर मधुमेह (diabetes) के मरीज कार्ब्स के सेवन को लेकर भ्रमित रहते हैं। इतना ही नहीं बहुत से लोगों का चावल, आलू तो बिल्कुल बंद करा दिया जाता है। आपको जानकारी के लिए बता दे कि कार्ब्स के सेवन से शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है। अगर आप डायबिटीज के रोगी है आपको एक नियंत्रित मात्रा में कार्ब्स का सेवन करना चाहिए उससे बिल्कुल दूरी ना बनाएं।
मिथ3: एक समय भोजन क्या कर डायबिटीज को कर सकते हैं कंट्रोल
दोस्तों यह बात बिल्कुल गलत है इस बात पर बिल्कुल ध्यान ना दें। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार मधुमेह रोगियों को अपने भोजन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। एक नियमित समय अंतराल पर कुछ ना कुछ खाते रहना चाहिए। अगर आप एक समय भोजन त्याग देंगे तो आपका शुगर लेवल तेजी से बढ़ेगा। इसलिए बहुत जरूरी है कि समय-समय पर हल्का आहार लेते रहे।
दोस्तों यह डायबिटीज के संबंध में थे कुछ मिथ हैं जिनके प्रति आप को जागरुक होने की बहुत आवश्यकता है। क्योंकि जागरूकता से ही आप अपना तथा अपनों का सही इलाज कर सकते हैं।
आर्टिकल: शैलजा मिश्रा