Black Fungus से कैसे करे बचाव, ICMR ने दी कई अहम जानकारी, जाने क्या करें, क्या नहीं

black fungus infection in Hindi : Black Fungus से कैसे करे बचाव, ICMR ने दी कई अहम जानकारी, जाने क्या करें, क्या नहीं कोरोना महामारी के बीच एक और बीमारी का खतरा सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार कोरोना मरीजों और कोरोना से ठीक हुए मरीजों में Black fungus Infection फ़ैल रहा है।

Update: 2021-05-10 21:41 GMT

कोरोना महामारी के बीच एक और बीमारी का खतरा सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार कोरोना मरीजों और कोरोना से ठीक हुए मरीजों में Black fungus Infection फ़ैल रहा है। Black fungus Infection जिसे Mucormycosis कहते हैं, जो घातक हो सकता है। पूरे देश भर में इस बिमारी के हजार के तादाद में मामले सामने आये हैऔर कई मरीजों इसके चलते मौते हुई है। इस संबंध में केंद्र सरकार ने एक एडवाइजरी जारी की है।

ICMR की एडवाइजरी में कहा गया है कि अनियंत्रित डाइबिटीज और ICU में ज्यादा दिन बिताने वाले COVID-19 के मरीजों में ब्लैक फंगस से होने वाली बीमारी होने का ज्यादा खतरा है। Mucormycosis का अगर सही समय पर इलाज नहीं किया जाए तो यह घातक हो सकती है। जानकारों का कहना है की Black fungus Infection कोरोना महामारी के पहले से है लेकिन कोरोना महामारी  बाद यह ज्यादा फ़ैल रही है। 

जानिए क्या है Mucormycosis (Black fungus Infection) ?

Mucormycosis एक फुयुग है। यह हवा में हर जगह मौजूद रहती है। लेकिन यह उनलोगो को संक्रमित करती जिनकी Immunity कोरोना वायरस के चलते काम हो गई है। मुख्य रूप से यह आँखों के पीछे Sinus पर होता है मिली जानकारी के अनुसार इस में नाक में इरिटेशन साथ रेडनेस होती है। बताया रहा है की यह संक्रमण आँख और नाक से होते हुए दिमाग तक जाता है। आँखो में सूजन होती है और काले धब्बे  पड़ते है। अनियंत्रित डाइबिटीज और कम इम्मुनिटी वालो ज्यादा खतरा होता है। और आँखों की रोशनी भी जा सकती है। बताया जा रहा है की शुरुआत में सही ट्रीटमेंट न मिलने पर जानलेवा भी हो सकता है। 

 

Black Fungus के सामान्य लक्षण क्या हैं?

ICMR के अनुसार संक्रमित मरीजों के माथे, नाक, गाल की हड्डियों के पीछे और आंखों एवं दांतों के बीच स्थित एयर पॉकेट में त्वचा के संक्रमण के रूप में म्यूकोर्मिकोसिस  दिखने लगता है। यह फिर आंखों, फेफड़ों में फैल जाता है और मस्तिष्क तक भी फैल सकता है। इससे नाक पर कालापन या रंग मलिन पड़ना, धुंधली या दोहरी दृष्टि, सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई और खून की खांसी होती है।

Black Fungus कैसे रोकें?

ICMR ने बताया की मधुमेह को नियंत्रित करना आईसीएमआरद्वारा सुझाए गए सबसे महत्वपूर्ण तरीकों में से एक है। इसलिए, मधुमेह से पीड़ित कोविड-19 रोगियों को अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

अपने आप दवा लेना एवं स्टेरॉयड की अधिक खुराक लेना घातक हो सकता है और इसलिए डॉक्टर की सलाह का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने स्टेरॉयड के अनुचित उपयोग के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में कहा: “स्टेरॉयड कभी भी कोविड-19 के शुरुआती चरण में नहीं दिया जाना चाहिए। संक्रमण के छठे दिन के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए। मरीजों को दवाओं की उचित खुराक पर टिके रहना चाहिए और डॉक्टरों द्वारा सलाह के अनुसार दवा को तय समय तक लेना चाहिए। दवा के प्रतिकूल दुष्प्रभावों से बचने के लिए दवाओं का विवेकपूरण उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “स्टेरॉयड के अलावा, टोसिलिजूमोब, इटोलिजूमाब जैसी कोविड-19 दवाओंका उपयोग भी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immunity) पर असर डालता है। और जब इन दवाओं का उचित उपयोग नहीं किया जाता है तो यह जोखिम को बढ़ा देता है, क्योंकि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली फंगल संक्रमण से लड़ने में विफल रहती है।”

ICMR  ने अपने दिशानिर्देशों में कोविड-19 मरीजों को इम्यूनो मॉड्यूलेटिंग (Immuno Modulating) दवाओं का सेवन छोड़ने की सलाह दी है, जो एक ऐसा पदार्थ है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित कर देता है या दबा देता है। राष्ट्रीय कोविड-19 कार्यबल ने ऐसे किसी भी प्रतिकूल प्रभाव को रोकने के लिए टोसिलिजुमाब की खुराक में बदलाव किया है। उचित स्वच्छता बनाए रखने से भी फंगल संक्रमण को दूर रखने में मदद मिल सकती है।

ऑक्सीजन थेरेपी ले रहे मरीजों के लिए, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ह्यूमिडिफायर में पानी साफ हो और उसे नियमित रूप से बार-बार डाला जाए। पानी का रिसाव न हो (गीली सतहों से बचने के लिए जहां फंगस प्रजनन कर सकते हैं) यह सुनिश्चित करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। मरीजों को अपने हाथों के साथ-साथ शरीर को भी साफ रखते हुए उचित स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए।

Black Fungus का इलाज कैसे किया जाता है?

जहां संक्रमण सिर्फ एक त्वचा संक्रमण से शुरू हो सकता है, यह शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है। उपचार में सभी मृत और संक्रमित ऊतक को हटाने के लिए की जाने वाली सर्जरी शामिल है। कुछ रोगियों में, इससे ऊपरी जबड़े या कभी-कभी आंख की भी हानि हो सकती है। इलाज में अंतःशिरा एंटी-फंगल थेरेपी का चार से छह सप्ताह का कोर्स भी शामिल हो सकता है।

चूंकि यह शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करता है, इसलिए इलाज करने के लिए सूक्ष्म जीवविज्ञानी, आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञों, न्यूरोलॉजिस्ट, ईएनटी विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ, दंत चिकित्सक, सर्जन और अन्य की एक टीम की आवश्यकता होती है।

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