Benefits Of Setubandhasana Yoga: सेतुबंधासन योग के लाभ
सेतुबंधासन योग से रीड की हड्डी मजबूत, व छाती एवं गर्दन के दर्द को दूर करें, पाचनशक्ति बढ़ाएं।
Benefits Of Setubandhasana Yoga: योग करने से शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे आसन के बारे में बताएंगे। जिससे रीड की हड्डी मजबूत, व छाती एवं गर्दन के दर्द को दूर करें, पाचनशक्ति बढ़ाएं। वह आसन है "सेतुबंधासन" सेतुबंधासन का मतलब बांधना होता है। जो दो शब्दों से मिलकर बना होता है "सेतु" और "बॅध"। इस आसन में शरीर की आकृति सेतु जैसी होती है। अब हम जानेंगे सेतुबंधासन (Setubandhasana) के फायदों के बारे में।
सेतुबंधासन करने का तरीका (How to do Setubandhasana)
सेतुबंधासन (Setubandhasana) करने के लिए सर्वप्रथम पीठ के बल लेट जाएंगे। अपने दोनों घुटनों को मोड़ कर अपने पैरों को कूल्हों के पास ले जाएं और दोनों हाथों को बगल में रखेंगे। अब धीरे से सांस लेते हुए अपनी कमर को ऊपर की ओर उठाएंगे और कुछ देर के लिए सांस को रोक कर रखेंगे और सांस छोड़ते हुए वापस जमीन पर आ जाएंगे। इस स्थिति को एक मिनट के लिए बनाए रखेंगे एवं पुनः प्रयास करें।
सेतुबंधासन करने से होते हैं बहुत से लाभ (benefits of Setubandhasana)
पाचन तंत्र को बल प्रदान करने में (To strengthen the digestive system)
जब हम सेतुबंधासन करते हैं, तो इसमें नाभि से फेफड़ों तक खींचाव उत्पन्न होता है। जिससे पेट में भी खिंचाव होता हैं जो पाचन तंत्र को बल प्रदान करता है। जिससे पेट दर्द, कब्ज़, अपच, एसिडिटी जैसी परेशानियां दूर हो जाती है।
वजन कम करने में सक्षम (Able to lose weight)
सेतुबंधासन करने से पेट की मांसपेशियों (Muscles) पर असर पड़ता है जिससे वजन (Weight) कंट्रोल में रहता है।
मांसपेशियों को मजबूत बनाएं (Strengthen muscles)
सेतुबंधासन करने से मांसपेशियां (Muscles) मजबूत एवं लचीली बनती है। जिससे पीठ के दर्द में आराम व कंधों एवं रीड की हड्डी को मजबूत बनाएं।
सांस रोगों में फायदेमंद (Beneficial in respiratory diseases)
सेतुबंधासन करने से फेफड़ों में खिंचाव होता हैं, जिससे श्वसन तंत्र में सुधार आता है।
तनाव कम करने में (In reducing stress)
सेतुबंधासन करने से चिंता, स्ट्रेस (Stress), डिप्रेशन जैसी समस्याएं दूर होती हैं एवं मन शांत रहता है।