Benefits Of Gourd For Hair: सफ़ेद बालो को लौकी कर देगी काला, इस तरह करना होगा इस्तेमाल, जानिए!

Benefits Of Gourd For Hair: आज महिला हो या पुरूष कर कोई अपने बालों को लेकर परेशान हैं।

Update: 2021-12-18 10:30 GMT

Benefits Of Gourd For Hair

Benefits Of Gourd For Hair: आज महिला हो या पुरूष कर कोई अपने बालों को लेकर परेशान हैं। दरअसल गलत खानपान एवं अनियमित लाइफस्टाइल की वजह से कम उम्र में ही सिर के बाल सफेद हो जाना और बाल झड़ना शुरू हो जाते है। इस समस्या से अगर आप परेशान है तो लौकी आपके लिए बढ़े काम की है। इसका सही तरह से इस्तेमाल करके इस समस्या से काफी हद तक अपने बालों को बचा सकते हैं।

लौकी में है आयुर्वेदिक गुण

लौकी की सब्जी का स्वाद जितना ही शानदार होता है उतना ही उसमें मौजूद आयुवैदिक गुण आपकी सेहत और बालों के लिए लाभकारी भी है। लौकी से तरह-तरह के व्यंजन तो लोग बनाते ही है उसका हल्वा भी स्वाद के चलते हर किसी को पसंद होता है।

शायद कम ही लोगों को पता होगा कि लौकी एक सब्जी होने के साथ ही आयुर्वेदिक दवा भी है। दरअसल बाल झड़ने और सफेद होने का एक कारण मिलेनिन पिगमेंटेशन नामक हार्मोन की कमी भी होता है। लौकी का इस्तेमाल कर आप इस हार्मोन की कमी को दूर सकते हैं। जिससे आपके बालों का सफेद होना और झड़ना कम हो जाता है।

बालों के लिए लौकी का इस तरह से करे उपयोग

आप लौकी को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और उन्हें धूप में अच्छी तरह सुखा दे, इसके बाद किसी बर्तन में नारियल का तेल गर्म करें और फिर उसमें सूखे हुए लौकी के टुकड़े डाल दें। इसके बाद दोनों को धीमी आंच पर पकाते रहें। जब तेल का रंग बदल जाए तो उस बर्तन को नीचे उतार लें। इसके बाद उस तेल को छान कर एक शीशी में रख लें। इस तेल को आप सप्ताह में दो बार नहाने के बाद अपने बालों में लगाएं, इससे न केवल आपके बालों को मजबूती मिलेगी बल्कि बालों का रंग भी काला बना रहेगा।

शरीर के लिए भी लौकी के है कई फायदे

बताते है कि लौकी शरीर की अंदरूनी तौर पर सफाई कर उसकी गंदगी को बाहर करती है। इसमें सोडियम, आयरन, पोटैशियम, फाइबर, फॉस्फोरस और विटामिन्स जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को मजबूत बनाते हैं। साथ ही हार्मोन की कमी को भी दूर करते हैं। लौकी के तेल से न केवल बालों की जड़ मजबूत होती है बल्कि उसमें मिलेनिन पिगमेंटेशन नामक हार्मोन का स्तर भी बढ़ता है।

नोट- यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। रीवा रियासत इसकी पुष्टि नही करता है। डॉक्टर की सलाह भी जरूरी है।

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