एमपी के ग्वालियर रेलवे स्टेशन का होगा कायाकल्प, हैदराबाद की कंपनी को जिम्मा
ग्वालियर रेलवे स्टेशन के कायाकल्प की तैयारी प्रारंभ कर दी गई है। जिसका जिम्मा हैदराबाद की कंपनी को दिया गया है। रेलवे स्टेशन को पुनर्विकसित करने का कार्य दो फेज में किया जाएगा।
ग्वालियर रेलवे स्टेशन के कायाकल्प की तैयारी प्रारंभ कर दी गई है। जिसका जिम्मा हैदराबाद की कंपनी को दिया गया है। रेलवे स्टेशन को पुनर्विकसित करने का कार्य दो फेज में किया जाएगा। जिसके बाद ग्वालियर स्टेशन का नया स्वरूप लोगों को देखने को मिलेगा। यह किसी आधुनिक रेलवे स्टेशन से कम नहीं होगा।
462.79 करोड़ होंगे खर्च
रेलवे स्टेशन का कार्यालय दो चरणों में किया जाएगा। जिसमें तकरीबन 462.79 करोड़ लागत आएगी। हैदराबाद की कंपनी द्वारा यह कार्य कराया जाएगा। बताया गया है कि वर्तमान ऐतिहासिक भवन को उसी स्वरूप में उपयोग किया जाएगा जिससे उसकी प्राचीनता भी नए स्वरूप के बाद भी नजर आती रहे। बनने के बाद इसका स्वरूप किसी एयरपोर्ट से कम नहीं होगा। आधुनिक रेलवे स्टेशन बनाने का कार्य दो वर्ष में पूर्ण किया जाएगा।
आधुनिक होगा रेलवे स्टेशन
रेलवे स्टेशन के कायाकल्प के दौरान रेलवे कर्मचारियों के लिए 4 कार्यालय व 3 आवासीय टावर बनाए जाएंगे। कार्यालय दो मंजिला होंगे। बताया गया है कि कर्मचारियों के रहने के लिए सात मंजिला बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा जिसमें 101 परिवारों के लिए फ्लैट की सुविधा होगी। वहीं ग्राउंड फ्लोर में पार्किंग का निर्माण कराया जाएगा। रेलवे स्टेशन में वर्तमान समय पर 640 किलोवॉट का सोलर प्लांट स्थापित है। कायाकल्प के दौरान इसकी क्षमता में और वृद्धि की जाएगी। 100 एमएलडी का सीवर ट्रीटमेंट प्लांट भी स्थापित किया जाएगा जिसके जरिए सीवर के पानी को ट्रीटमेंट कर ट्रेनों की धुलाई की जाएगी।
दो फेज में होंगे कार्य
हैदराबाद की कंपनी द्वारा ग्वालियर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए जो कार्य कराए जाएंगे वह दो चरणों में होंगे। पहले चरण में 87 रेलवे क्वार्टर व 20 कार्यालय तोड़े जाएंगे। जिसमें कुल 107 संपत्तियों को तोड़ा जाएगा। पहले चरण में तोड़ी जाने वाली संपत्तियों में आरपीएफ थाना, कुली बैरक, आरपीएफ बैरक, रेलवे मजिस्ट्रेट कोर्ट ऑफिस, एसएसई वर्क ऑफिस, आरपीएफ डॉग स्क्वॉड बिल्डिंग शामिल हैं। जबकि दूसरे चरण में 93 क्वार्टर सहित अलग-अलग विभागों के कार्यालयों को तोड़ा जाएगा। जिसमें डिपो स्टोर, एआरटी ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर रेस्ट हाउस, पंप रूम, एसएसई वर्क्स, रेलवे यूनियन ऑफिस सहित 50 क्वार्टर तोड़े जाएंगे।
इनका कहना है
इस संबंध में झांसी मंडल के पीआरओ मनोज कुमार की मानें तो रेलवे स्टेशन को पुनर्विकसित करने के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। कार्य का जिम्मा हैदराबाद की केपीसी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को दिया गया है। कार्य पूर्ण करने की समय सीमा दो वर्ष निर्धारित की गई है। हैदराबाद की कंपनी द्वारा दो चरणों में यह कार्य कराए जाएंगे।