एमपी के ग्वालियर की महिला पुलिसकर्मी ने पेश की मानवता की मिसाल, बचाई मरीज की जान
ग्वालियर की महिला पुलिसकर्मी ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए एक मरीज की जान बचाई। एक व्यक्ति राह से गुजर रहा था तभी वह गश खाकर गिर पड़ा।
ग्वालियर की महिला पुलिसकर्मी ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए एक मरीज की जान बचाई। एक व्यक्ति राह से गुजर रहा था तभी वह गश खाकर गिर पड़ा। इस दौरान चौराहे पर लेडी सब इंस्पेक्टर सोनम पाराशर तैनात थीं। जिनके द्वारा पहले मरीज की जान बचाई गई फिर उसे अस्पताल तक भिजवाया गया।
अधेड़ को आया माइनर हार्ट अटैक
वाकया ग्वालियर के गोले मंदिर रोड पर घटित हुआ। बताया गया है कि चौराहे से 61 वर्षीय शख्स गुजर रहा था इसी दौरान वह गश खाकर गिर पड़ा। अचानक हुई इस घटना की तरह देख मौके पर लोगों का हुजूम जमा हो गया। ग्वालियर स्थित गोला का मंदिर चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस में बतौर सूबेदार सोनम पाराशर ड्यूटी पर मौजूद थीं। मौके पर मौजूद एक बच्चे द्वारा महिला पुलिसकर्मी को इस बात की जानकारी दी गई। जिस पर वह समझ गईं कि उन्हें माइनर हार्ट अटैक आया है। इसके बाद उन्होंने बगैर समय गंवाए मरीज को सीपीआर यानि कार्डियो पल्मोनरी रेसुसिएशन दिया गया तब जाकर मरीज के शरीर में ब्लड और ऑक्सीजन का सर्कुलेशन बेहतर हुआ।
डॉयल 100 से भिजवाया अस्पताल
ट्रैफिक में तैनात महिला पुलिसकर्मी द्वारा शख्स के सीने में हाथ रखकर पुश किया गया इसके बाद जब उन्होंने कुछ बेहतर महसूस किया तो डॉयल 100 की मदद से अस्पताल भिजवाया गया। बुजुर्ग के मोबाइल नंबर के जरिए उनके परिजनों को घटना की जानकारी दी गई। सही समय पर महिला पुलिसकर्मी द्वारा की गई मदद से पीड़ित को नया जीवन मिल सका। बताया गया है कि अनिल उपाध्याय की हालत अब सामान्य है। वह बिजली कंपनी से रिटायर्ड हैं। अनिल के बेटे अमित चिकित्सक हैं जो वर्तमान समय पर गुड़गांव मेदांता अस्पताल में पदस्थ हैं। डॉ. अमित का कहना है कि उनके पिता को ट्रैफिक सूबेदार सोनम के द्वारा नई जिंदगी मिल सकी।
पुलिस ट्रेनिंग के दौरान सीखा था
महिला पुलिसकर्मी सोनम पाराशर के मुताबिक पुलिस ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने यह प्रशिक्षण प्राप्त किया था। ट्रेनिंग के दौरान यह सिखाया जाता है कि यदि इस तरह के केस आपको मिले तो किस तरह से मरीज को सीपीआर देकर उसकी जान बचाई जा सकती है। सोनम के अनुसार पुलिस ट्रेनिंग के दौरान सीखी गई तकनीक से पीड़ित का प्राथमिक उपचार किया गया। उन्हें इस बात की भी खुशी है कि वह कामयाब रहीं और एक व्यक्ति की जान बचाई जा सकी।